शक्ति नहर किनारे बने भवनों पर लाल निशान – आक्रोश

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विकासनगर। भारत संवैधानिक संरक्षण मंच की शनिवार को ढकरानी में बैठक आयोजित की गई। इसमें ऊर्जा निगम की ओर शक्ति नहर किनारे बने आवासीय भवनों पर लाल निशान लगाए जाने पर आक्रोश जताया गया। मंच की ओर से लोगों के आवास बचाने को आंदोलन के लिए एक समिति का गठन भी किया गया।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक दौलत कुंवर ने कहा कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने बिना नोटिस दिए करीब छह सौ परिवारों के आवासीय भवनों पर लाल निशान लगा दिए हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। पचास साल से अधिक पुराने मकानों पर भी लाल निशान लगाए गए हैं। जल विद्युत निगम आवासीय भवनों पर बुल्डोजर चलाने का भय दिखाकर लोगों में दहशत पैदा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में झुग्गियों को हटाए जाने पर कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि 12 साल से एक जगह पर बसी बस्तियों को उजाड़ने से पूर्व उनका पुनर्वास किया जाना जरूरी है। पुनर्वास या जमीन आवंटन नहीं होने की दशा में बस्तियों को उजाड़ा नहीं जा सकता है। उन्होंने बताया कि छह सौ परिवारों के आवासीय भवनों को बचाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो जल विद्युत निगम और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगा। शक्ति नहर लाल निशान संयुक्त मोर्चा नाम से गठित समिति में हुमेरा को अध्यक्ष, अपरोज को प्रभारी, सुमेर चंद धीमान को महासचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही एक दर्जन के करीब सदस्य शामिल हैं। इस दौरान नजीर, नूर हसन, वसीम, इमराना, अनीस अंसारी, शौकीन, शमशाद, गुलशन, सरिता, सुकेश, सुनीता देवी, मनीषा देवी, शिवचंद आदि मौजूद रहे।

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