कॉंग्रेस की हार का फॉर्मूला रन जीत का बयान : कैंथोला

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पंजाब के हश्र के बाद उत्तराखंड मे एकता के नाम पर कॉंग्रेस पार्टी भी दो गुट मे बंटती हुई दिखाई दे रही है, हालत ये हो गए है कि अध्यक्ष अपने गुट के साथ जिस दिशा मे चल रहे है कार्यकारी अध्यक्ष के समूह के साथ नेता प्रतिपक्ष दूसरी ही दिशा मे ज़ोर आजमाईस कर रहे है | कॉंग्रेस नेता रणजीत रावत के बयान का हवाला देते हुए बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला कांग्रेस पर यंज कसते हुए कहा कि गंगा किनारे होने वाले मंथन से निकलने वाले विष ने अपना काम असर दिखाना सुरू कर दिया है

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला कांग्रेस पर हमला करते हुए  कहा कि गुटबाजी कांग्रेस नेताओं  के डीएनए में है। कैंथोला ने कहा कि वे  पहले ही यह बाता कह चुके थे कि गंगा किनारे होने वाले कांग्रेस के मंथन से सिर्फ  विष ही निकलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी बात पर कांग्रेस के नेता और कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने मुहर लगा दी है।

कैंथोला ने कहा कि जिस तरह से रणजीत रावत ने गुटबाजी को लेकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लौह पुरूष सरदार पटेल का नाम लिया, वह आज की कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस अध्य्क्ष का गुट एक ओर और कार्यकारी अध्यक्षों और नेता प्रतिपक्ष का गुट दूसरी और जा रहा है।

कांग्रेस के मंथन से निकलकर उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं की लड़ाई अब अपने-अपने गुटों को ताकतवर दिखाने की तरफ बढ़ चली है। बिपिन कैंथाला ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को ही कन्फ्यूज करार दिया है। उन्होंने कहा कि जो पार्टी अपना फैसला सही से नहीं कर पा रही है, वो पार्टी उत्तराखंड को देश का भला कैसे कर सकती है। उत्तराखंड की जनता जान चुकी है कि कांग्रेस ने केवल समाज को बांटने की राजनीति की है।

कैंथोला ने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य किसी भी तरह सत्ता हासिल करना है। उसके लिए उनको देश की सुरक्षा की भी चिंता नहीं है। कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत का बयान दर्शाता है कि उनको कैसे लोगों को टुकड़ों में बांटना है। सत्ता हासिल करने के ख्वाब संजो रही कांग्रेस विभाजन की राजनीति पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का ये फार्मूला नहीं चलने वाला नहीं हैं।

कांग्रेस अपना 2017 का हश्र भूल गई है, लेकिन जनता  सारा इतिहास जानती भी है और कांग्रेस की चालों को समझती भी है। कैंथोला ने कहा कि जिस तरह से 2017 में जनता ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था। एक बार फिर 2022 में जनता कांग्रेस को 2017 से भी बुरे नतीजे देने की ठान चुकी है। भाजपा ने 2022 के लिए 60 पार को जो नारा दिया है। उनको पूरा भरोसा है कि जनता उनके नारे पर मुहर लगाएगी।

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