अंकिता भण्डारी की हत्या से जुड़ा वीआईपी राज ? कैसे बदल गई जांच की दिशा

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क्या अंकिता भंडारी को न्याय मिल पाएगा? क्या अंकिता भंडारी के परिजनों की मांग पूरी होगी?

 क्या अंकिता भंडारी के आरोपियों को सजा मिलेगी?

यह सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब जानना तो उत्तराखंड चाहता है लेकिन असल में इस मामले में एक के बाद एक नए मोड़ आते जा रहे हैं अब तीनों आरोपी पुलकित अंकित और सौरभ नारको टेस्ट की जांच  से मुकर गए हैं तीनों ने ही साफ-साफ कह दिया है कि वह नारको टेस्ट नहीं कराएंगे इससे पहले दो आरोपियों ने इजाजत दी थी वह नारको टेस्ट कराना चाहते हैं एक आरोपी ने कहा था कि उसे  10 दिन का समय चाहिए लेकिन 10 दिन बाद जब सुनवाई हुई तो तीनों ही आरोपियों ने नारको टेस्ट कराने से साफ इंकार कर दिया है ।यानी अंकिता भंडारी मर्डर केस में एक और नया मोड़ आ गया है इस मामले को लेकर लगातार सियासत होती रही है बीजेपी हो या कांग्रेस अंकिता भंडारी के मुद्दे पर सवाल एक दूसरे पर दाग दे रहे हैं

लेकिन अब एसआईटी उसी वीआईपी की तलाश के लिए नारको टेस्ट कराना चाहती थी मगर तीनों आरोपियों ने बड़े नाटकीय  अंदाज में साफ-साफ कहा है कि वह नारकोटेस्ट नहीं करवाना चाहते इस वक्त ये खबर उत्तराखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण है ।  इससे पहले इस मामले को लेकर तमाम तरह के सवाल उठते रहे हैं कि आखिर वो वीआईपी कौन था और इसी  वीआईपी के मुद्दे पर ही हरीश रावत ने अब अपना धरना देने की तारीख भी बदलती है पहले वह 23 दिसंबर को धरना देने वाले थे लेकिन अब 26 दिसंबर को धरना देंगे और यह धरना 24 घंटे का होगा।  इस धरने के लिए हरीश रावत ने बीजेपी कांग्रेस औए दूसरे अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया है कि वह भी इस धरने में शामिल हो । हरीश रावत का यह कहना है कि हत्यारा कौन है इसकी तलाश के लिए जो भी जतन किए जा सकते हैं वह किए जाने चाहिए । उनके मुताबिक जो उत्तराखंड मे जो रिज़ॉर्ट कांसेप्ट चल पड़ा  है उत्तराखंड में उसकी वजह से भी बहुत सारी दिक्कतें बढ़ी हैं। साहसिक पर्यटन , पर्वतारोहण जल क्रीडा के लिए पर्यटक आए उनका स्वागत है , पर देह व्यापार से जुड़े लोग किसी भी कीमत पर देवभूमि मे प्रवेश न करे  इसलिए ऋषिकेश में पूरी तरह से सीसीटीवी लगने चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में ना हो सके।  इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके ।हालांकि बीजेपी लगातार यह कह रही है कि पुलिस सही  जांच कर रही है और हाईकोर्ट ने भी अब दो दिन पहले ही यह कहा है कि एसआईटी सही जांच कर रही है और इसे सीबीआई  को देने की जरूरत नहीं है यानी अंकिता भडारी मर्डर केस की जांच अब सीबीआई से करने की जरूरत नहीं है यह हाईकोर्ट ने कह दिया है।  इसके बाद ही बीजेपी लगातार कह रही है कि हाईकोर्ट के आदेश पर  विपक्ष राजनीति कर रहा  हैं और अंकिता मर्डर मामले मे राजनीति करने वालों के मुंह हाइ कोर्ट का फैसला कडा  तमाचा है । अब बड़ा सवाल ये कि  तीनों आरोपी नारकोटेस्ट से पलट गए हैं तो आखिर वे क्या छुपाना चाहते हैं यह भी बड़ा सवाल है कुछ ना कुछ तो  जरूर छुपाया जा रहा है तो फिर सच कैसे बाहर आएगा इसी बात का इंतजार है पूरे उत्तराखंड को है

 

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