एक बार फिर आपके अपने चैनल मेरु रैबार की खबर का असर हुआ है ।
आपदा प्रभावित जोशीमठ मे जाइंट मजिस्ट्रेट मीडिया के सामने आए और उन्होने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास का भरोसा दिलाया साथ ही जन प्रतिनिधियों के साथ घर घर जाकर सर्वे रिपोर्ट तैयार करने की भी बात कही है ।
बद्रीनाथ के बेस कैंप जोशीमठ में आखिर भू धँसाव किसकी गलती से हो रहा है? और कब तक यह धँसाव चलता रहेगा ? क्या जोशीमठ का अस्तित्व समाप्त होने वाला है ? आखिर उत्तराखंड के चार धाम मे ही ऐसी अपदाए क्यो घटित हो रही है ? ये कुछ बड़े सवाल हैं जो लोगों को परेशान किए हैं साथ ही एक बड़ा सवाल जिसमें स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि एनटीपीसी और बीआरओ की अनियंत्रित विकास के रफ्तार और ब्लास्टिंग के चलते ही जोशीमठ धँसने की कगार पर है। लोगों के घर एक के बाद एक धंस रहे है और दरारे हर दिन और अधिक चौड़ी हो रही है ऐसे मे खुद का भविष्य अंधेरे में देख लोग सड़क पर उतर आए जुलूस प्रदर्शन हुए और अंत में सड़क जाम का फैसला लिया जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पीड़ितो से मिलने आए और खुलासा किया कि लोगों को तहसीलदार के भरोसे नहीं छोड़ा गया है जो एसडीएम छुट्टी पर गए हैं उनके बदले लिंक मजिस्ट्रेट के रूप में उन्हे ही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप मे तैनात किया गया है और वह खुद वार्ड मेंबर के साथ रात के 11:00 बजे तक प्रभावित परिवारों के साथ घरों का सर्वेक्षण कर रहे हैं और पीड़ित परिवारों के शिफ्टिंग की व्यवस्था भी कर रहे हैं इतना ही नहीं जो लोग जिन लोगों के घरों में अभी बहुत हल्के दरारे हैं उनको भी शिफ्ट करने की व्यवस्था की जा रही है ।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट स्वीकार किया कि जोशी मठ ब्लास्टिंग हो रही थी लेकिन दो दिन पहले ही ब्लास्टिंग को पूर्णतया रोक दिया गया है और अब किसी तरह की ब्लास्टिंग फिलहाल नहीं हो रही है उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसे आपत्ति और आपदा की घड़ी में धरना प्रदर्शन छोड़कर लोगों के पुनर्वास और मदद के लिए प्रशासन का हाथ बंटाए क्योंकि धरना प्रदर्शन यदि होते रहेंगे तो जिला प्रशासन की आधी ह्यूमन पावर तो इसी को देखने में लग जाएगी ऐसे में पुनर्वास कार्य और शिफ्टिंग का कार्य भी प्रभावित होगा