महिला से दुष्कर्म के बाद बच्ची के जन्म के आरोपी विधायक – डीएनए सेंपल देने नहीं पहुंचे विधायक महेश नेगी

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देहरादून। महिला से दुष्कर्म और बच्ची के जन्म के आरोप में घिरे विधायक महेश नेगी का गुरुवार को डीएनए सेंपल लिया जाना था लेकिन वह आज कोर्ट में नहीं पहुंचे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी महेश नेगी का डीएनए के लिए ब्लड सैंपल देने के आदेश दिए हैं। इसके लिए उन्हें सीजेएम कोर्ट में उपस्थित होना था। दून अस्पताल प्रबंधन को भी डीएनए सैंपल के लिए टीम भेजने के आदेश कोर्ट ने दिए थे।  
लेकिन, विधायक नेगी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कोर्ट में एप्लिकेशन लगा दी। कोर्ट की ओर से अब 11 जनवरी को अगली डेट लगा दी गई है। उसी दिन विधायक के डीएनए के लिए सैंपल लिए जाएंगे। कोर्ट के आदेशानुसार, दून अस्पताल की मेडिकल टीम करीब 11.30 बजे कोर्ट पहुंच गई थी लेकिन विधायक के न आने की सूचना पर टीम वापिस  लौट गई। गौरतलब है कि पीड़िता का दावा है कि उसकी बेटी के जैविक पिता विधायक महेश नेगी ही हैं। वर्तमान में इस मुकदमे की विवेचना महिला थाना श्रीनगर के द्वारा की जा रही है। विधायक महेश नेगी के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता की ओर से मुकदमा दर्ज नहीं किया था। ऐसे में पीड़िता ने कोर्ट को शिकायत की, जिसके बाद नेहरू कॉलोनी में विधायक महेश नेगी व उनकी पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। वहीं पुलिस ने मामले के चर्चा में आने पर पीड़िता पर विधायक की पत्नी की तरफ से ब्लैकमेलिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। उधर, पीड़िता का आरोप है कि विधायक ने उत्तराखंड समेत आसपास के राज्यों के कई शहरों में लेजाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। इससे उनकी एक बेटी भी पैदा हुई है। पीड़िता का दावा है कि उसने बेटी का डीएनए टेस्ट कराया था, जिसमें महेश नेगी ही उसके जैविक पिता होने की पुष्टि हुई थी। यह आरोप उसने अपनी शादी के बाद लगाया है। हालांकि, यह डीएनए रिपोर्ट पुलिस को नहीं मिली थी। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट ने डीएनए जांच का आदेश दिया है।

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