+विलेज tour कि मेरी पिछली वीडियो में गांव का कुछ हिस्सा दिखाने से रह गया था और इसी शिकायत को दूर करने के लिए मैं इस गांव के बचे हुए दृश्य के साथ एक बार फिर आपके सामने हाजिर हुआ हूं
और आपके सामने bur कोट गांव का वह नजारा, वह दृश्य दिखा रहा हूं जो पिछले वीडियो में दिखाने से रह गया था
रेठू से बुर कोट की अपनी पिछली यात्रा हमने आपको दिखाई थी लेकिन इस बीच में कुछ छोटे-छोटे तोक दिखाने से रह गए थे जिसमें से गैल्ड से सेमवाली मथ्या कूड़ा के साथ आमवाला भी सामिल है, जो हम आज आपको दिखाने जा रहे हैं
तो सबसे पहले चलते हैं गैल्ड – बड़े बुजुर्ग बताते है कि वर्षों पूर्व इस स्थान पर एक गैलड़ का ही एक पेड़ था जिस वजह से आज भी ये जगह गैल्ड के के नाम से जानी जाती है । निचले गैल्ड मे 2 ही परिवार रहते हैं – रिटायर फौजी गोविंद भाई बेलवल और राकेश भाई – जो अब नाती पोतों वाले हो गए हैं-
ये यह राकेश भाई है जिस के चूल्हे मे तैयार की गई चाय की आप बिना तारीफ किए नहीं रह सकते
कहते हैं अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है और गांव के तोक में कुत्ते अपने अपने गांव की सुरक्षा करते हैं और जैसे ही दूसरे इलाके का कुत्ता उनके इलाके में आता है तो उनकी नाराजगी का अंदाज देखिए