उत्तराखंड के गांधी के रूप में पहिचान बनाने वाले स्व इंद्रमणि बडोनी की पुण्य तिथि पर साफ सफाई न करने के आरोप लगाते हुए राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा श्री बडोनी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया , सेल्फी ली गयी और सरकार को कोसने के बाद वापसी हो गयी, निश्चित रूप से आज के दिन तो कम से कम नगर निगम को पुण्य स्थल पर साफ सफाई करनी चाहिए थी, उसके लिए सरकार की नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है किंतु सरकार चुनावी मोड़ में है याद नही रहा नेता और मंत्री अपने घरों के गमले से पानी बाहर फेंक कर डेंगू पर वार का वीडियो साक्ष्य मीडिया को उपलब्ध करा रहे है ऐसे में सरकार को खरी खोटी सुनाने के बाद राज्य आंदोलनकारी साफ सफाई के इस नेक काम को खुद ही अंजाम दे देते तो समाज मे उनकी वह वाही होती, गंदगी के साथ माल्यार्पण से बेहतर सफाई के साथ माल्यार्पण की खबर बनती ।
समाज मे एक मैसेज जाता, लोग प्रेरित होते और सरकार के साथ जिम्मेदारी अधिकारियों को शर्म आती, पर वे भी सिर्फ अरोप लगाकर चल दिये, दरअसल इस वक्त वर्क कल्चर बदलने की जरूरत है, नही तो एक उंगली अगर सामने वाले कि तरफ तो बाकी चार खुद हमारी तरफ होंगी
18- अगस्त को पर्वतीय गांधी स्वर्गीय इन्द्रमणी बडोनी जी की पुण्य तिथि पर राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा घन्टाघर स्तिथ स्वर्गीय बडोनी जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हे भाव भीनी श्रद्धांजली अर्पित की।
प्रातः 11-30 बजे राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा स्वर्गीय बडोनी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु पहुचें।
कोरोना के चलते सीमित संख्या में हीं लोगों ने फूल चढ़ाएं।
राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिहं नेगी व जिला अध्यक्ष ने श्रद्धांजली अर्पित करने के बाद कहा क़ि सभी को इस राज्य को बचाने और संवारने के साथ अपनी संस्कृति को भी बचाने के लिए हमें शपथ लेनी होगी और उनके सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा संघर्षरत रहेगें।
जिला अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त करते हुऐ कहा क़ि जिस पर्वतीय गाँधी के आन्दोलन से यह राज्य मिला। आज वहां जिला प्रशासन /नगर निगम /संस्कृति विभाग और सरकार द्वारा स्वर्गीय बडोनी जी उपेक्षा की गई ना साफ सफाई ना फूल इत्यादि ना चुना आदि डाला गया ना ही कोई जिम्मेदार कर्मचारी वहां मौजूद रहें।
वहां गमलों में कई दिनों से पानी भरा हुआ हैं जिसमें लार्वा पनप रहा हैं और रेलिँग सीढ़ी आदि में जंग लग हुआ हैं शासन प्रशासन के पास थोड़ा चुना या पेन्ट तक इस पार्क के लिए उपलब्ध नहीं हैं। सरकार को या उक्त मन्त्री को यह संज्ञान लेना होगा आखिर जब हम अपनीं विभूतियों का ही सरक्षण नहीं कर पा रहें हैं तो इतने बड़े विभाग और मंत्रालय किसके लिए बने हैं?
राज्य आन्दोलनकारी मंच द्वारा श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालो मेँ जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती, वेदा कोठारी, चंद्रमोहन सिहं नेगी, चन्द्र किरण राणा , पुष्कर बहुगुणा , सुरेश नेगी , नवनीत गुंसाई ओमी उनियाल , अशोक वर्मा , रामलाल खंडूड़ी , सुशीला बलूनी , मोहन खत्री , प्रभात डड्रियाल , दीपक बड्थ्वाल , गणेश डंगवाल , नवनीत गुसाईं , सत्येन्द्र भंडारी , जयदीप सकलानी , सुदेश कुमार , राकेश नौटियाल , सुदेश सिहं व पूरण सिहं लिंग्वाल आदि आकर पुष्प चढ़ाते रहें …