पौड़ी : दैवी आपदा से कम नहीं वनअग्नि – नियंत्रण और न्यूनतम नुकसान के लिए मौक ड्रिल

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वन अग्नि को भी  दैवी आपदा मानते  हुए इस पर प्रभावी नियन्त्र के लिए पुरे प्रदेश में मौक ड्रिल आयोजित कि जा रही है | इस ड्रिल में न सिर्फ वन अग्नि को नियंत्रित करने के तौर तरीके समझाए जा रहे है बल्कि अग्निकांड में होने वाले नुक्सान को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाते हुए आम लोगो को भी इसके लिए जागरूक करने करने कि बात कही जा रही है |

पौड़ी जिले में बढती वनाग्नि की घटनाओं पर किस तरह से नियंत्रण पाये जाये इसके लिये वनाग्नि से आमाना सामना करने के लिये अब मौक  ड्रिल  का सहारा लिया जा रहा है,  वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये एक बेहतर प्रशिक्षण इस मौक  ड्रील में लिया जा रहा है जिले के कई क्षेत्रों में आयोजित हो रही इस मौक  ड्रील के जरिये वनागिन की कंट्रोल करने के परपंच बखूबी  सिखाये जा रहे हैं जिससे खाक होती वनसम्पदा और वन्य जीव को वनाग्नि की घटनाओं से बचाया जा सके और जंगलों की आग मानवीय  बस्तीयों की ओर न पहुंचे इसके लिये किस तरह से फायर लाईन काटकर वनाग्नि को एक सीमित क्षेत्र में रोकने के गुर  भी इस मौक  ड्रील मे सिखाये जा रहे हैं जिससे वनाग्नि की घटनाओ  से आमाना सामना होने पर किसी तरह की दिक्क्त कर्मचारियो के समक्ष पेश न आये |

इस मौके पर मौजूद अपर जिलाधिकारी भी आम जन को जागरूक कर रहे हैं कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिये वनाग्नि की घटनाओं को अंजाम देने वाले असामाजिक व्यक्तियों पर नजर तो रखे ही साथ ही साथ इसे पर निंयत्रण पाने के लिये खुद भी वनाग्नि को रोकने में प्रशासन की मद्द करे जिससे पर्यावरण वन सम्मदा और वन्य जीव वनाग्नि से सुरक्षित रह पायें।

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