बेटे के हाथ मे तो नही मौत का सामान ? खतरनाक है पबजी गेम — 18 साल के किशोर ने खेल के दौरान की आत्महत्या

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लॉकडाउन के दौरान आमतौर पर सुरक्षित समझे जाने वाले आपके  घरों में  भी खतरा लगातार बढ़ रहा है स्कूल कॉलेज बंद होने के बाद एकाकी जीवन से ऊब कर आजकल के किशोर मोबाइल और सोशल मीडिया की वर्चुअल दुनिया में अपने आप को इतना डुबो दे रहे हैं कि जब तक उनकी वापसी होती है तब तक काफी देर हो जाती है ।

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिस में पबजी गेम  खेलते हुए एक 18 साल के युवक ने मानसिक तनाव  में आकर आत्महत्या कर ली। घर के  अकेले  लाडले  बेटे को अचानक खो देने से परिवार अचंभित है।  घर को सुरक्षित समझने की भूल न करें घर के बाहर कोरोना से सतर्क रहें तो घर के अंदर परिवार और बच्चों को भी  समय दें। कोरोना काल मे  मिलजुल कर हंसी खुशी समय बताएं।


कोटद्वार थाना क्षेत्र के अंतर्गत लोकमणिपुर में एक 18 वर्षीय युवक ने कल देर शाम पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आनन फानन में परिवारों ने युवक को बेस हॉस्पिटल कोटद्वार लाये जंहा डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने हॉस्पिटल पर पँहुच कर शव को कब्जे में लेकर  पोस्टमार्टम के बाद परिजनों सुपुर्द कर दिया।  कोटद्वार थाना प्रभारी मनोज रतूड़ी ने बताया कि युवक की मौत का प्रथम प्रथम दृष्टया कारण मोबाइल में पब्जी गेम खेलने की वजह से है । मृतक युवक मोबाइल में गेम खेलता रहता था। लोकडाउन के कारण स्कूले बंद चल रही है।जिस कारण अपने खेल का साधन मृतक युवक ने मोबाइल बनाया और मोबाइल में ही गेम खेलता रहता था। ज्यादा तनाव होने के कारण युवक ने मौत को गले लगा लिया।-मनोज रतूडी-कोतवाल,कोटद्वार

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