गाँव पहुँचने के लिए पर्वतारोहण की ट्रेनिंग।
कुमाऊँ के पिथौरागढ़ की कहानी।
सड़क है या नाला ?
नीरज कुमार पिथौरागढ़
पिथौरागढ़ की दारमा घाटी के उमचिया ग्रामसभा के हालात अभी भी नही सुधरे है। धारचूला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर उमचिया ग्रामसभा में 300 से अधिक परिवार निवास करते है। जिनका पिछले 2 महीने से शेष दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। आलम ये है कि यहाँ लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने के मजबूर है।
ये तस्वीरें आपको ख़ौफ़ज़दा कर सकती है। यहां लोग आवाजाही करने में डर रहे है मगर ये मार्ग ही यहां के लोगो को शेष दुनिया से जोड़ता है।
आपदा प्रभावितों की लाख फरियाद के बावजूद शासन प्रशासन कान में तेल डालकर सोया हुआ है।
आपको बता दे कि दारमा घाटी के उमचिया गाँव मे पहुचने के लिए सड़क मार्ग से 16 किलोमीटर का दुर्गम सफर तय करना पड़ता है।