रुड़की – कड़ाके की शर्दी – पुराने कपड़े और कूड़ा जलाकर कट रही रात – नगर निगम से आलाव की नहीं हुई व्यवस्था |

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रुड़की

कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर बेसहारा लोग, नहीं मिल रही अलाव की व्यवस्था

रुड़की में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं जिस की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं वही गरीब बेसहारा लोग बिना आशियाने के खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं जिन फुटपाथ पर इन बेसहारों के आशियाने बने हुए हैं उन्ही सड़को से जनप्रतिनिधियों व सरकारी नुमाइंदे अपनी गाड़ियों से गुजरते हैं पर बावजूद इसके कोई भी इन बेसहारा लोगों की ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है शहर में रैन बसेरे भी बनाए गए हैं पर उन रेन बसेरों में भी नगर निगम की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है जिससे इन लोगों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सोना पड़ता है और कई लोग इस ठंड की चपेट में आने से दम तोड़ देते हैं पर इन लोगों की जान की परवाह शायद किसी को नहीं है

आपको बता दे उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते निचले इलाकों में ठंड काफी बढ़ गई है रुड़की में शहर से लेकर देहात क्षेत्र तक नए साल के पहले दिन से ही घना कोहरा छाया हुआ है जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वही ऐसी भरी सर्दी में नगर निगम की ओर से गरीबों तक कोई सहायता नहीं पहुंचाई जा रही है जिससे गरीब और बेसहारा लोग कपड़े व कूड़ा करकट जलाकर अपना गुजारा कर रहे हैं कुछ लोगों से जब इस विषय में बात की गई तो उनका साफ तौर से कहना है कि नगर निगम की ओर से हमें कोई भी लकड़िया तक नहीं दी जा रही है फटे पुराने कपड़े जलाकर हम अपना गुजारा कर रहे हैं।

अब देखना यह होगा कि हमारी इस खबर को दिखाने के बाद नगर निगम की ओर से इन गरीब लोगों तक कोई सहायता पहुंचाता है या नहीं या फिर ऐसे ही इन लोगों को कूड़ा करकट जलाकर सर्दी काटनी होगी।

आबिद सरताज नसीम सभी स्थानीय निवासी

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