रूद्रप्रयाग जनपद के पूर्वी बांगर और पश्चिमी बांगर को आपस में सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग को लेकर पूर्वी बांगर संघर्ष समिति ने आंदोलन शुरू कर दिया है। छेनागाढ़-बक्सीर-भुनालगांव सड़क के अंतिम छोर भेडारु में ग्रामीण क्रमिक-अनशन पर बैठे हैं।
पूर्वी बांगर संघर्ष समिति ने छेनागाढ़-बक्सीर-भुनालगांव सड़क को मयाली-रणधार-बधानीताल मोटरमार्ग से जोड़ने सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीणों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना दिया है। भुनालगांव के भेडारु में क्रमिक अनशन शुरू करते हुए ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सड़क निर्माण का कार्य शुरू नहीं होता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलनकारियों का कहना है कि स्पेशल कॉम्पोनेन्ट प्लान के तहत निर्मित छेनागाढ़ से भुनालगांव तक मोटरमार्ग को लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित किया जाय। इसके साथ ही भटकनी गदेरे में मोटरपुल का निर्माण किया जाय। स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों और अन्य पदों की तैनाती की जाय और स्कूलों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पद भरे जाएं। आंदोलन को समर्थन देने पहुँचे उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने पूर्वी और पश्चिमी बांगर की उपेक्षा हुई है। अब लोग जागरूक हो गए हैं और अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से बांगर क्षेत्र की समस्याओं को उठा रहे हैं और आगे भी यहां भी यहां की समस्याओं को मुखरता से उठाते रहेंगे।
राज्य बनने के बीस वर्ष बाद भी गांव के लोग सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओ के लिए तरस रहे हैं तो आलम समझा जा सकता है कि उत्तराखंड की सरकारें जनता के प्रति कितनी उदासीन हैं।