हरिद्वार। बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास श्रीराम के परम भक्त थे और श्रीराम की मर्यादा, वीरता एवं सामान्य जन के प्रति उनके प्रेम से अत्यंत प्रभावित थे। भगवान राम द्वारा साधारण मानव के रूप में किए गए सत्कर्म की कथा को सामान्य लोगों तक पहुंचाने के लिए ही तुलसीदास ने श्री रामचरितमानस की रचना की। जो वर्तमान तक समाज का मार्गदर्शन कर समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने में सहायक है। यह बातें उन्होंने शोभायात्रा के दौरान कहीं।
गोस्वामी तुलसीदास के स्मरण में संत समाज ने धूमधाम से तुलसी जयंती मनाई। इस अवसर पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरुषों ने तुलसी चौक पर पूजा अर्चना कर श्री रामानंद आश्रम तक शोभायात्रा का आयोजन किया। श्रीमहंत विष्णु दास एवं महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महानतम और ज्ञानी कवियों में से एक थे। जिनकी रचनाएं आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती हैं। चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष ऋषिश्वरानंद महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास एक महान कवि होने के साथ-साथ संत, सुधारक और दार्शनिक थे और जगद्गुरु रामानंद की गुरु परंपरा के रामानंदी संप्रदाय के थे। जिन्होंने प्रभु श्रीराम की भक्ति का वर्णन करते हुए धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। इस मौके पर रामानंद आश्रम के महंत प्रेमदास महाराज, महंत दुर्गादा, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत नारायण दास पटवारी, महंत प्रह्लाद दास, महंत गोविंद दास, महंत अरुण दास, रविदेव शास्त्री, हरिहरानंद, दिनेश दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत श्याम प्रकाश, गंगादास उदासीन, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, हरिचेतनानंद, ललितानंद गिरि, ऋषि रामकृष्ण आदि शामिल रहे।