कभी लाठी डंडों से तो कभी ट्रको मे भरकर गौवंस को ढकेल दिया – 5 ट्रकों में भरकर लाये 93 पशुओं के लिए जिम्मेदार कौन

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पशु क्रूरता रोकने के दावे भले ही जोर शोर से किए जाते हैं और बाकायदा बैठकों में पशुओं की सुरक्षा के दिशा निर्देश भी जारी किए जाते हैं, लेकिन विडंबना ये है कि निर्देशों पर अमल नहीं होता। उत्तराखंड राजय  मे विकास योजनये सिर्फ व्यक्ति विशेष के फायदे के लिए बनाई जाती है तभी तो गौवंस के संरक्ष्ण और पशु क्रूरता निवारण के लिए सड़क पर घूमने वाले पशुओ की जियो टेगिंग करने मे करोड़ो का बजट ठिकाने लगाया गया । टेगिंग लगाने वाली कंपनी को तो पूरा भुगतान हो गया किन्तु इसका उद्देश्य आज भी पूरा नहीं हो सका । आलम ये है कि दूध न देने के दौरान  लोग अपने पालतू पशु गौ वंश को सड़क  पर आवारा घूमने के लिए छोड़ देते है । एक कस्बे मे इनकी संख्या जरुरत से ज्यादा हो जाती है तो लोग इन्हे लाठी डंडों से हांक कर दूसरे की  सीमा मे धकेल देते है और कभी कभी तो इन्हे ट्रको मे भर कर भी दुरसे के इलाके  छोड़ देते है ,  पर जिम्मेदार विभाग जियो टेगिंग के आधार पर कोई कार्यवाही नहीं कर पाता है । 

ताजा उदाहरण चिन्यालीसौड़ नगरपालिका क्षेत्र का है, जहां शुक्रवार की रात ट्रकों में भरकर 93 लावारिस पशुओं को सड़कों पर छोड़ा गया। स्थानीय लोगों ने सुबह गायों को सड़कों पर देखा तो वे बड़ी संख्या में बड़ेथी में एकत्रित हुए और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। जिसके बाद पशु पालन विभाग ने टैग की पहचान के आधार पर 3 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

बताया जा रहा है की 5 ट्रकों में भरकर 93 लावारिस पशुओं को चिन्यालीसौड़ नगर पालिका क्षेत्र में छोड़ा गया। शनिवार सुबह इसकी खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग बड़ेथी में इकट्ठे हुए और नगर पालिका व प्रशासन के खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की। पशुधन प्रसार अधिकारी शिव सिंह नाथ ने मौके पर जाकर स्थानीय लोगों को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया। उन्होंने पशुओं के कानों पर लगे टैग के आधार पर बताया कि ये गाएं बनचौरा, दशगी व राजगढ़ी से ला कर छोड़ी गई हैं।

लोग बोले, सड़कों पर चलना हुआ दूभर –

सामाजिक कार्यकर्ता सुमन बडोनी व मनोज कोहली ने बताया कि आए दिन कहीं से भी लोग चिन्यालीसौड़ में गाय छोड़ जाते हैं, जिससे आम आदमी का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। आए दिन सड़क से मृत गायों को सड़कों से उठाने की समस्या नगर पालिका व आम लोगों के लिए सर दर्द बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं की तो वो जन आंदोलन करेंगे।

लावारिस पशुओं को सड़क पर छोड़ने की शिकायत को तहसीलदार डुंडा प्रताप सिंह चौहान ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने नायब तहसीलदार, पुलिस और नगरपालिका को ऐसे पशुपालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। शिव सिंह नाथ ने बताया कि तीन पशुपालकों का चिन्हीकरण कर लिया गया है। पशुपालकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

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