श्रीनगर : पुलिस से भिड़े मंत्री – हटाये गए 90 कर्मचारियों को वापस रखने के मांग – श्रीनगर जल विद्युत परियोजना

Share Now

उत्तराखंड के श्रीनगर मे जल विद्धुत निगम और रेलवे विकास निगम बेरोजगार युवाओ के साथ छल कर रहा है | जिन लोगो की जमीन परियोजना मे अधिग्रहीत की गयी उन्हे भी नौकरी से निकाल कर ग्रामीणो पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिये गए है जिनमे से दो लोगो की मौत भी हो चुकी है | ग्रामीणो के समर्थन मे कॉंग्रेस सरकार मे पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नेथानी ने एक महीने पूर्व नोटिस देकर चेतवानी दी थी कि ग्रामीणो कि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो 2 अक्तूबर को वे जल विद्धुत निगम का काम ठप्प करेंगे इस दौरान न तो प्रसासन ने और न सरकार ने कोई सक्रियता दिखाई बल्कि ग्रामीणो के साथ पूर्व मंत्री के आने की सूचना पर धारा 144 लगा दी |    

भगवान सिंह श्रीनगर                      

                        जल विद्युत परियोजना श्रीनगर से निकाले गए 90 कर्मचारियों के समर्थन में शनिवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के नेतृत्व में कांग्रेठसियों ने विरोध प्रदर्शन किया| 90 कर्मचारियों को वापस रखने के मांग को लेकर कांग्रेसियों ने श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के पावर हाउस के सामने गेट पर धरना दिया. इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक हो गई |

पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने साफ किया है कि जबतक बाहर निकाले गए 90 कर्मचारियों को काम पर नहीं रखा जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा|  इससे पहले मंत्री प्रसाद नैथानी ने 2 अक्टूबर को श्रीनगर जल विद्युत परियोजना सहित रेलवे लाइन के कार्यों को रोकने की धमकी प्रशासन को दी थी| मंत्री प्रसाद नैथानी के आंदोलन का देखते हुए पहले से ही रेलवे लाइन के कार्यस्थलों और पावर हाउस के पास पुलिस फोर्स तैनात कर दी |

शनिवार को जैसे ही मंत्री प्रसाद नैथानी अपने समर्थकों के साथ श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के पावर हाउस के सामने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस ने बीच धक्का-मुक्की भी हुई. जब मंत्री प्रसाद नैथानी अंदर जाने में कामयाब नहीं हुए तो वे पावर हाउस के गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए|

उन्होने  कहा कि श्रीनगर जल विद्युत परियोजना ने अभी तक जमीन का पूरा मुआवजा नहीं दिया है और  जिन लोगों को मुआवजा दिया भी गया था , उनके चेक बाउंस हो गए हैं, जबकि  प्रशासन और राज्य सरकार ने कोंपनी पर इसके लिए कोई कार्रवाई नहीं की है|  इतना ही नहीं  परियोजना को भूमि देने वाले जिन ग्रामीणों को परयोजना मे  नौकरी पर रखा गया था, उनमें से भी 90 कर्मियों को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है | ऐसे ही कुछ हालात रेलवे विकास निगम में भी हो रहे हैं. यहां भी स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है. जब तक सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!