विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों को खोलने के मामले में जल्दबाजी न करे राज्य सरकारः नवीन जोशी

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देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री नवीन जोशी ने राज्य सरकार के 15 दिसम्बर से विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय खोलनेे के फैसले को अव्यवहारिक एवं छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड बताया है। एक बयान जारी करते हुए प्रदेश कंाग्रेस महामंत्री नवीन जोशी ने कहा कि राज्य सरकार ने 9 माह के उपरान्त 15 दिसम्बर से राज्य के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है जो कि पूर्णतः अव्यवहारिक एवं छात्रों के स्वास्थ्य से खिलवाड है। आज जब पूरे प्रदेश में कोरोना महामारी के मामले सैकडों की तादात में बढते जा रहे हैं तथा इसकी रोकथाम के लिए सरकार जहां एक ओर बाजारों में साप्ताहिक बंदी जैसे फैसले ले रही है वहीं दूसरी ओर महाविद्यालयों को खोलने का फैसला समझ से परे हैं। ननीन जोशी ने कहा कि बढती सर्दी के साथ ही कोरोना का भयावह रूप और अधिक प्रचण्ड होता जा रहा है तथा चिकित्सकों द्वारा सर्दी बढ़ने के साथ करोना संक्रमण बढने की संभावना के मद्देनजर  लोगों से एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है वहीं राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को खोलने का फैसला उचित नहीं ठहराया जा सकता है।  
नवीन जोशी ने कहा कि इससे पहले भी सरकार 11वीं एवं 12वीं कक्षाओं को खोलकर अपनी किरकिरी करा चुकी है। सरकार के एक अविवेकपूर्ण फैसले के कारण पर्वतीय जनपदों मंे विद्यालय खोलते ही 80 शिक्षक कोरोना संक्रमित पाये गये जिसके चलते 84 विद्यालयांें को तत्काल बन्द कर दिया गया ऐसे में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते  विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को खोलने के सरकार के निर्णय से छात्रों की जान खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य की त्रिवेन्द्र सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए उलूल-जुलूल फैसले लेकर लोगों की सेहत से खिलवाड करना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के इस निर्णय से वे छात्र एवं अविभावक अनिर्णय की स्थिति में हैं जिन्होंने अभी तक अपने बच्चों को इस महामारी से बचाये रखा है। प्रदेश की जनता अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति भयभीत है ऐसे में महाविद्यालयों में जल्दी से शिक्षा का अनुकूल माहौल बन पाना कठिन दिखाई दे रहा है। नवीन जोशी ने कहा कि यदि सरकार अपने इस फैसले पर अडी हुई है तो सरकार तथा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रशासन को छात्रों के अभिभावकों को आश्वस्त करना होगा कि शिक्षण संस्थान में प्रवेश से पूर्व छात्रों के होने वाले कोविड टेस्ट का खर्च सरकार अथवा सम्बन्धित शिक्षण संस्थान वहन करेगा। छात्रों के कोरोना से संक्रमित होने की स्थिति में सरकार तथा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रशासन उसके उपचार का खर्च वहन करेगा तथा कोरोना रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिग एवं अन्य बचाव के उपायों का अनुपालन सरकार तथा विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जायेगा।

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