देहरादून। हरिद्वार कुंभ में कोरोना संक्रमण रोकना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मेला प्रबंधन में जुटे अधिकारियों का कहना है कि सख्ती से कोविड-19 जारी नियमों का पालन कराया जाएगा। बिना जांच रिपोर्ट दिखाएं किसी को भी मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके लिए हरिद्वार के सभी प्रवेश मार्गों पर 25 चेकपोस्ट बनाए गए हैं। जहां हर यात्री की कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है। वही सभी बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों और एयरपोर्ट पर जांच केंद्र बनाए गए हैं।
गीता कुटीर आश्रम में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमितों के मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। कुंभ में कोरोना कोरोना को रोकने को वे सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं। उन्होंने सभी होटल ढाबे वालों तथा वाहन चालकों एवं साधू सन्यासियों के लिए वैक्सीनेशन की सलाह दी है। इस बार मेला क्षेत्र में भजन-कीर्तन और भंडारे के आयोजन से लेकर कथा आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि स्थितियां बदल चुकी है। इस बार कुंभ का आयोजन अन्य वर्षांे से बिल्कुल अलग है। लेकिन आस्था के जन सैलाब को रोका नहीं जा सकता है। मेला प्रशासन किसी भी चुनौती से निपटने को तैयार है लेकिन साथ ही उसका मानना है कि यह चुनौती बहुत बड़ी है। अधिकारियों ने मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह प्रशासन का व्यवस्था बनाने में सहयोग करें तथा सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं ले तभी इस चुनौती से निपटा जा सकता है। 60 साल से अधिक उम्र के लोग वह 10 साल से कम उम्र के बच्चे व गर्भवती महिलाएं कुंभ मेले में ना आए तो बेहतर होगा।
सरकार द्वारा जो नई गाइडलाइन जारी की गई है वह आज रात 12ः00 बजे से प्रभावी हो जाएगी। 12 सबसे अधिक कोरोना वायरस राज्यों के लोगों को बिना को भी जांच रिपोर्ट के प्रवेश नहीं दिया जाएगा।