आंदोलन की तैयारी
आंदोलनों से उपजा छोटा सा राज्य उत्तराखंड भले ही 9 नवंबर को अपना राज्य स्थापना दिवस मना रहा हो लेकिन आंदोलनों का दौर समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है | कभी रोजी रोटी के लिए आंदोलन तो कभी अपने हक हकूको को लेकर , कभी रोजगार और कभी अपनी सेहत के खातिर | शायद वह अवधारणा जो राज्य आंदोलनकारियों की थी आज भी पूरी होती नजर नहीं आ रही है सरकारे आती गई और जाति गई पर समस्याओं का अंबार बढ़ता ही रहा अब आलम यह है कि राज्य बनाने वाले आंदोलनकारी खुद अपने आप को उपेक्षित मानकर नए आंदोलनों की तैयारी करने लगे हैं | आगामी 10 नवंबर को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी मंच के तहत सरकार की नीतियों के खिलाफ एक बार फिर विरोध के स्वर उठने वाले हैं | अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनकारी हरिद्वार से सरकारी नीतियों के खिलाफ लामबंद होने की तैयारी कर रहे हैं और गंगा तट पर जाकर नमक लोटे के साथ सौगंध ले रहे हैं की जब तक आंदोलनकारियों की मांगे पूरी नहीं की जाती तब तक चरणबद्ध तरीके से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
–धीरेंद्र प्रताप मुख्य संरक्षक चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति