*पहले थैलेसीमिया का ज्ञान, फिर शादी और संतान।*
अंकित तिवारी
आज विश्व थैलेसीमिया दिवस के उपलक्ष्य में नेहरू युवा केन्द्र भोपाल द्वारा जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें युवाओं को भविष्य में थैलेसीमिया जैसे मर्ज़ से अपनी संतानों को कैसे बचाया जाए इसपे नीमच के थैलेसीमिया विशेषज्ञ सत्येंद्र सिंह राठौर द्वारा व्याख्यान दिया गया एवं इस बीमारी के उपचार के लिए बोन मेरो ट्रांसप्लांट कितना ज़रूरी है उसपर भी बात की गई। सेमिनार में गायनिक के तौर पे इस बीमारी को कैसे रोका जा सकता है इस विषय पर डॉ. उषा अग्रवाल ने युवाओं को गाइड किया। साथ ही नेहरू युवा केन्द्र के जिला समन्वयक डॉ. सुरेंद्र शुक्ला ने कहा कि वे नेहरू युवा केन्द्र भोपाल के माध्यम से इस बीमारी की जागरुकता को लेकर व्यापक स्तर पर युवाओं को जोड़ेंगे और प्रचार-प्रसार कर जन-जन तक थैलेसीमिया मिटाने का संदेश पहुंचाएंगे। इस कार्यक्रम का संचालन थैलेसीमिया मुक्त मध्यप्रदेश समिति की फाउंडर मेम्बर अस्मा खान द्वारा किया गया, उन्होंने सभी श्रोताओं से अपील की के सभी युवा साथी विवाह से पूर्व माइनर थैलेसीमिया (HBA2) की जाँच अवश्य करवाएं साथ ही वर्तमान में मौजूद सभी पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान भी किया करें। म.प्र. एड्स नियंत्रण सोसाइटी की सहायक निदेशक मोनल सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहीं साथ ही शहर के लगभग सभी ब्लड बैंक्स के प्रभारी भी सेमिनार का हिस्सा रहे जिन्होंने हर तरह से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की रक्त व्यवस्था का आश्वासन दिया।
इस सेमिनार का अभिन्न आकर्षण थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के परिवार जन थे जिन्होंने सबके समक्ष अपनी पीड़ा रखते हुए निवेदन किया कि हमसे जागरुक न होने के कारण जो गलती हुई है वो आप भविष्य में ना दोहराएं।
● जयपाल मदन- मेरी बच्ची 11 साल की हो गयी हर 12 से 15 दिन में ब्लड चढ़ता है दीपाली को। होशंगाबाद से भोपाल आकर ब्लड चढ़वाना पड़ता है ऐसे में जो लोग मेरी बच्ची के लिए रक्त व्यवस्था करते हैं उनका शुक्रगुज़ार हूँ।
● शमा शर्मा- मैं सभी साथियों से विनती करना चाहती हूँ कि जो गलती मुझसे हुई वो भविष्य में आप न करें। शादी से पूर्व माइनर थैलेसीमिया की जाँच ज़रूर करा लें। हर 15 में अपनी औलाद को ढेरों सुइयां चुभता देखना बहुत दर्दनाक होता है।
● आशा राठौर- विदिशा से हूँ मै, मेरे बच्चे आदर्श को थैलेसीमिया है लेकिन विदिशा में होल ब्लड चढ़ाया जाता है बिना फिल्टर के जिससे बच्चे की तबियत बिगड़ जाती है। आज सेमिनार में काफी सारी जानकारी मिली जिसका पहले अज्ञानता के कारण में ध्यान नही रखती थी पर अब से रखूँगी।