उत्तराखंड मे चार धाम यात्रा सुरू करने को लेकर अब होटल कारोबारी सड़क पर उतरने को मजबूर हो गए हो | गंगा और यमुना के मायके उत्तरकाशी मे इसकी सुरुवात हो गयी है, जिसमे होटल व्यवसायियो के साथ टॅक्सी – बस यूनियन, व्यापार मण्डल, मंदिर समिति और ट्रैकर्स यूनियन का भी सायोग मिल रहा है |
सगठनों ने चारधाम यात्रा को मंसूरी, नैनीताल व हरिद्वार की तर्ज पर कोविड नियमों के तहत (72घण्टे पूर्व की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट, उत्तराखंड पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन, 50% होटलों की बुकिंग के आधार पर) शुरू करने की सरकार से अपील की है |
बड़ा सवाल ये है कि जब सभी व्यापारिक प्रतिश्ठान खुल गए हैं तो चारधाम यात्रा पर प्रतिबंध आखिर क्यों ??
होटल कारोबारियों का कहना है कि कोरोना अब ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है | सावधानी बरतना जरूरी है पर आर्थिक व्यवस्थाए सुरू करना भी उतना ही जरूरी है | कुम्भ की तर्ज पर चार धाम यात्रा पर ब्रेक नहीं लगाया जा सकता है | उन्होने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि हाइ कोर्ट मे ठीक से इस मामले की पैरवी नहीं कि गयी, जिसका खामियाजा पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को लगातार दूसरे साल भी भुगतना पड़ रहा है | चार धाम यात्रा बंद होने से छोटे छोटे कई वर्ग के लोगो मे पैसे का सर्कुलेसन रुक गया है और हजारो परिवार भुखमरी की कगार पर पहुच गए है |
उत्तरकाशी मे एक रिपोर्ट