तीरथ को लगा केदारनाथ श्राप, इसलिए गंवानी पड़ी कुर्सीः तीर्थ पुरोहित

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रुद्रप्रयाग। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि केदारनाथ भगवान के श्राप के कारण ही तीरथ सिंह रावत को सीएम पद से हटाया गया है। अगर इसी तरह कोई सनातन धर्म  के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे बाबा इसी तरह सबक सिखाते रहेंगे।  देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारधामों के तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे हैं। दो सालों से तीर्थ पुरोहित समाज, हक-हकूकधारी और स्थानीय लोग देवस्थानम बोर्ड को हटाये जाने के लिए मुखर हैं। उनका कहना है कि इस बोर्ड से स्थानीय हकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़खानी की जा रही है। पुरोहितों ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने फायदे के लिए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है, जिसे किसी भी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीरथ सिंह रावत ने सीएम बनते ही देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की बात कही थी, मगर उन्होंने अपने कार्यकाल में बोर्ड को भंग करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए उन्हें भगवान केदारनाथ का श्राप लगा है, जो भी व्यक्ति सनातन धर्म के साथ मजाक करेगा, उसे बाबा जरूर सबक सिखायेंगे। तीर्थ पुरोहित संजय तिवारी एवं अंकुर शुक्ला ने कहा कि केदारनाथ में बारिश हो रही है, बावजूद इसके तीर्थ पुरोहित अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं। इसके बावजूद सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रही है। इस बोर्ड से किसी का भी भला नहीं होने वाला है, उल्टा सरकार की किरकिरी हो रही है। सरकार ने समय रहते देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया तो इसके भयंकर परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा।

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