देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में आज तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता देहरादून के एकता विहार धरने पर बैठे डिप्लोमा छात्रों से मिले और उनको अपना समर्थन दिया। इस मौके पर डिप्लोमा छात्रों ने यूकेडी सुप्रीमो को अपना एक ज्ञापन भी प्रेषित किया और सिंचाई विभाग में जेई के 228 पदों को बहाल कराने के लिए समर्थन मांगा। यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि भले ही सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं के पदों की बहाली को लेकर शासन स्तर पर सहमति बन गई है लेकिन उनका प्रयास होगा कि सभी 228 पदों को बाहर किया जाए।
यूकेडी नेता शिव प्रसाद सेमवाल ने इन सभी पदों को हाल ही में हुई परीक्षा में शामिल करने की मांग की है। यूकेडी नेता सेमवाल ने सरकार को सुझाव दिया है कि आने वाले कुछ सालों में होने वाली सेवानिवृत्ति और पदोन्नतियों के लिहाज से खाली होने वाले पदों को भी ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक जेई के पद भरे जाने चाहिए ताकि बार-बार परीक्षा न करानी पड़े और विभाग मे कार्मिकों की कमी के चलते काम प्रभावित ना हो।
यूकेडी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि आने वाले समय में जमरानी बांध तथा अन्य परियोजनाएं शुरू हो रही है लिहाजा कार्मिकों की जरूरत पड़ने वाली है। गौरतलब है कि सिंचाई विभाग में कनिष्ठ अभियंताओं के 228 पदों को एन परीक्षा से पहले प्रकाशित विज्ञप्ति में हटा दिया गया था, जबकि इसके लिए वित्त की स्वीकृति तथा अधियाचन भी पास हो गया था। पदों की बहाली को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के नेता शिवप्रसाद सेमवाल के नेतृत्व मे कार्यकर्ता लंबे समय से शासन तथा सरकार के स्तर पर लगातार पैरवी करते आ रहे थे। पिछले लंबे समय से छात्र-छात्राओं का धरना भी इस मांग को लेकर चला आ रहा था। इसके लिए सरकार ने पिछले महीने एक कमेटी का गठन किया था। कई दौर की मीटिंग के बाद आखिरकार इस पर सहमति बन गई है। डिप्लोमा छात्र छात्राओं को समर्थन देने वालों में यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के साथ कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी, उपाध्यक्ष किशन सिंह मेहता, केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल, केंद्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, प्रवक्ता अनुपम खत्री, श्रमिक मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र पंत, केंद्रीय संयुक्त सचिव राजेंद्र गुसाई, प्रदीप रावत, संजय कुमार तितोरिया, राधेश्याम, सुरेंद्र यादव, गोविंद अधिकारी, सहित तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल थे।