उत्तराखंड क्रांति दल ने परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले में उत्तराखंड के साथ छल किए जाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल तथा मुख्य प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि परिसंपत्तियों का बंटवारा भेदभाव पूर्ण है। इसमें उत्तर प्रदेश उत्तराखंड के साथ नाइंसाफी कर रहा है।
यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा जीत जाने के बावजूद उत्तराखंड सरकार ने आपसी बातचीत का रास्ता खुला रखा लेकिन उत्तर प्रदेश उत्तराखंड की परिसंपत्तियों पर नाजायज थक जमा रहा है।
यूकेडी के मुख्य प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया तो उत्तराखंड क्रांति दल इस भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ सड़कों पर उतर कर जन आंदोलन चलाएगा, जिसकी भाजपा को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
हरिद्वार के अलकनंदा होटल के बदले में जिस तरह से उत्तर प्रदेश को भागीरथी होटल के लिए जमीन आवंटित की गई है, उससे साफ लगता है कि आने वाले समय में टिहरी डैम से लेकर उधम सिंह नगर के नानक सागर, धोरा और बैगुल जलाशय के मामले में भी उत्तराखंड के साथ न्याय नहीं हो पाएगा।
आज भी टिहरी डैम और उधम सिंह नगर के जलाशय उत्तराखंड की जमीन पर होने के बावजूद उत्तराखंड को टिहरी डैम से मात्र 12 परसेंट रॉयल्टी पर संतोष करना पड़ रहा है। वहीं उधम सिंह नगर के जलाशयों पर भी उत्तर प्रदेश अपनी हिस्सेदारी मांग रहा है, जोकि अन्याय पूर्ण है।
यूकेडी नेताओं ने कहा कि अभी उद्योग विभाग से लेकर सिंचाई विभाग में तमाम परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले लंबित पड़े हुए हैं, हाल में ही हुए बंटवारे से ऐसा नहीं लगता है कि उन परिसंपत्तियों का बंटवारा भी न्याय पूर्ण ढंग से हो पाएगा।
इसी बंटवारे को लेकर आपत्ति जताते हुए यूकेडी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है।