उत्तराखंड के पहाड़ो मे मनोरंजन के लिए ही सही मेले थौलों का आयोजन किया जाता रहा है | इन सभी मेलो के पीछे बैज्ञानिक कारण भी रहे है, साथ ही लोगो की अपने इष्ट देवता मे असीम आस्था को के प्रतीक रहे है | कानून के डंडे से जो काम नहीं हो सकते है , वे देवता के आदेश पर आसानी से हो जाया करते है | ग्रामीण देवताओ के साथ इंसानी बोलचाल मे संवाद करते है और अपनी दैनिक दिनचर्या से जुड़े सवाल और उनके समाधान पूछते है |
यहा ग्रामीणो का देवताओ से इंसानी रिस्ता साफ तौर पर देखा जा सकता है | उत्तरकाशी जिले के टकनौर पट्टी के उच्च हिमालयी क्षेत्रो से दिव्य देव पुष्प ब्रहमकमल अपने इष्ट देवता को अर्पण के साथ फुल्यार मेले का शुभारंभ किया जाता है |
शनिवार को नाल्ड कठूड पट्टी के ग्राम सभा डिडसारी में फुल्यार मेले के अवसर पर रही विकास खण्ड भटवाडी की प्रमुख श्रीमती विनीता रावत बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रही |

डिडसारी गाँव के ग्रामिणो द्वारा आयोजित नाग देवता मन्दिर में पौराणिक फुल्यार मेले के आयोजन पर बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख विनीता रावत का ग्रामिणो एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती वन्दना राणा एवं ग्राम प्रधान पवन डिमरी के द्वारा फुल मालाओं से स्वागत किया गया| प्रमुख विनीता रावत ने भगवान नाग देवता के दर्शन कर देव डोली से आशीर्वाद लिया |
अपनी पौराणिक संस्कृति के अनुसार गाँव के लोग अपने बुग्यालों में जाकर दूर-दूर से देव पुष्प ब्रह्म कमल लेकर आते है जिन्हें भगवान के इस पौराणिक मेले में चढाया जाता है और इन पुष्पों के भगवान के प्रसाद आशीर्वाद के रुप में सभी को बांटे जाते है |
प्रमुख विनीता रावत ने समस्त ग्रामिणो को इस फुल्यार मेले की शुभकामनाएं दी| इस दौरान कनिष्ठ प्रमुख मनोज पंवार, ग्राम प्रधान औगी पार्वती रमोला ग्राम प्रधान भूक्की कुसुम देवी, ग्राम प्रधान जामक मनीषा देवी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मेन्द्र राणा, प्रदीप राणा, मनोज राणा , दिपक राणा आदि मौजूद रहे