उत्तरकाशी मे डीएम मयूर दीक्षित भी हट कर बैठे है कि कामचोर कर्मचारियो से या तो काम करवाएँगे या फिर वीआरएस लेने को मजबूर करेंगे | दरअसल लंबे समय से डीएम के औचिक निरीक्षण के बाद भी लापरवाही का इंतहा तो देखिये मोटी खाल वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता दिखाई दे रह है | हर दिन छापे के बाद कोई न कोई एबसेंट दिखाई देता है | शुक्रवार को डीएम ने मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे औचिक निरीक्षण किया तो पाया कि छुट्टी लेने के बाद भी उपस्थिती रजिस्टर मे प्रधान सहायक ने खुद को प्रजेंट दिखा दिया, इसके अल्वा दो दो चतुर्थ श्रेणी कार्मिक भी अनुपस्थित पाए गए |
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने सभी अनुभागों का निरीक्षण किया व कार्मिकों की उपस्थिति पंजिकाओं का अवलोकन किया। कार्यालय के दो चतुर्थ श्रेणी कार्मिक अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने दोनों कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए। वहीं प्रधान सहायक के हस्ताक्षर आकस्मिक अवकाश के उपभोग के दिन भी पाए गए। जिलाधिकारी ने सम्बंधित कार्मिक को चेतावनी पत्र जारी करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के लेखा प्रारम्भिक,नियोजन अनुभाग,वित्त अनुभाग विद्यालयी शिक्षा,सूचना का अधिकार अनुभाग,जिला परियोजना कार्यालय,पोर्टल आधार अनुभाग आदि अनुभागों का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने कार्यालय में महत्वपूर्ण पत्रावलियों का अवलोकन किया। इसके अतिरिक्त साफ सफाई आदि व्यवस्थाओं को देखा। साफ सफाई व्यवस्था संतोषजनक पायी गई। महत्वपूर्ण फाइलों,पंजिकाओं का रख रखाव को व्यवस्थित ढंग से रखने को कहा। जिलाधिकारी ने लंबित पेंशन प्रकरणों को तेजी के साथ निस्तारण करने के निर्देश दिए। जिस अनुभाग में जनता से सीधा संवाद होता है वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। ताकि आमजन के कार्यों में पारदर्शिता बनी रहें।
विभाग में कार्यरत कार्मिकों के साथ ही सेवानिवृत्त कार्मिकों की सेवा पुस्तिकाओं को व्यवस्थित रूप से रखने व सूचीबद्ध करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारी को दिए। इस हेतु तीन अध्यापकों की टीम लगाने को कहा जो सभी सेवा पुस्तिकाओं को सूचीबद्ध करने का काम करेंगे। ताकि रिटायर्ड हुए कार्मिकों को पेंशन आदि के निर्धारण में सहुलियत मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी ने खंड शिक्षा कार्यालयों में भी यह व्यवस्था लागू करने के सख्त निर्देश दिए गए।
मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद प्रसाद सेमल्टी ने बताया कि प्रधान सहायक सुनील रावत अवकाश स्वीकृति कराने के बाद काम पर लौट आए थे इसलिए ऐसा हुआ है , किन्तु उन्होने ये नहीं बताया कि अवकाश स्वीकृत होने के बाद स्वीकृत करने वाले अधिकारी ने इसे पंजिका मे दर्ज क्यो नहीं किया ? बाकी दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो कि रात्री ड्यूटी होतो है इलसिए वे रात को ही अपने सेवा देते है |
निरीक्षण के दौरान मुख्य शिक्षाधिकारी विनोद प्रसाद सेमल्टी व जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक रामेंद्र कुशवाह उपस्थित थे।