कोरोना काल मे खेती से रोजगार प्राप्त कर रहे उत्तरकाशी जिले के सीमांत किसानों को दैवी प्रकोप के बाद अब सरकारी सिस्टम की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है। बीते रोज जनपद के भटवाड़ी तहसील अंतर्गत नटिन औऱ आसपास के इलाकों में भारी ओलावृष्टि से किसानों की सेब आड़ू और गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई।
राजस्व विभाग की तरफ से पटवारी ने गांव का दौरा किया और नुकसान की रिपोर्ट बनाई। ग्राम प्रधान नटिन महेंद्र पोखरियाल कपूर ने बताया कि उद्यान विभाग के अधिकारियों ने राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर जो मुआवजा तय किया है वह चौकाने वाला है, उन्हें बताया गया कि सेब आड़ू की फसल का कोई भी मुआवजा नही मिल सकता सिर्फ गेंहू की फसल का 300 से 500 रु तक मुआवजा मिलेगा।
ग्रमीणो ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार से इस इलाके में हर वर्ष हो रहे नुकसान को बचाने के लिए एन्टी हेल गन लगाने की मांग की है। ग्राम प्रधान महेंद्र कपूर ने बताया कि इस इलाके में आसपास करीब 40 गाँव है जिनमे हर साल आसमानी आफत से करोड़ो की फसल बर्बाद होती है, उन्होंने कहा कि गंगनानी में एक अस्पताल को बचाने के लिए करोड़ो रु खर्च हो सकते है तो करोड़ो की नकदी फसल को बचाने के लिए एन्टी हेल गन क्यो नही लग सकती है।