उत्तरकाशी जिला मुख्यालय मे अतिक्रमणकारी इतने मुखर है कि अब वे वरुणावत पहाड़ी की तलहटी को भी खोदने मे जुट गए है । भटवाड़ी रोड टैक्सी स्टैंड और मस्जिद से लगे इलाके मे पहाड़ी को खोदकर आवासीय कॉलोनी बनने की तैयारी चल रही है और ये सब प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा है किन्तु जानकारी के बाद भी जिला प्रशासन खनपूर्ति मे ही लगा हुआ है ।
वर्ष 2003 मे उत्तरकाशी वरुणावत त्रासदी ने देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था , करीब एक महीने तक बिन वर्षा पहाड़ी से मलवा पत्थरों की बरसात होती रही थी । तब तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसके उपचार के लिए 282 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे, उसके बाद देश मे पहली बार आपदा से टूटे पहाड़ का का उपचार सुरू हुआ जिसके लिए भू बैज्ञानिकों की टीम ने तकननेकी टीम के साथ उत्तरकाशी नगर के हॉलड़ीकल्चर कॉलोनी को हटाकर वहा जिओ ग्रिड दीवार बनाई ताकि आपदा के दौरान पहाड़ी से मलवा पत्थर इसमे एकत्र हो सके और आबादी को कोई नुकसान न हो सके । इसी तरह मस्जिद से गुफीयारा की तरफ पहाड़ी से गिरने वाले बड़े बोल्डर से गंगोत्री राजमार्ग और इससे लागि आबादी की सुरक्षा के लिए लोहे के बड़े जाले लगाए थे । अब दबंग और राजनैतिक पहुच के लोग इसी स्थान पर इन जालों को खोदकर जमीन तैयार कर रहे है ताकि इसमे आवासीय कॉलोनी तैयार की जा सके । गौरतलब है कि जिला प्रशासन न तो उधयान कॉलोनी और न मस्जिद के पास वरुणावत उपचार के दौरान भविष्य की सुरक्षा के लिए तैयार बफर दीवार की सुरक्षा कर सका , उधयान कॉलोनी मे अतिक्रमण पर नगर पालिका उत्तरकाशी और जिला प्रशासन की मौन स्वीकृति के बाद अतिक्रमण कारियों के हौंसले बुलंद है ।
रमानंद रतुड़ी सुभास सिंह कुमाई और जिला व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सुभास बडोनी ने इसे जिला प्रशासन और पालिका की नाकामी बताते हुए जल्द ही आंदोलन सुरू करने की चेतावनी दी है