दबे पाँव रात के समय उत्तरकाशी जिला मुख्यालय मे दस्तक देने वाली आपदा ने मदद के लिए कोई गुंजाईस नहीं छोड़ी | रात साढ़े आठ बजे पानी बढ्न सुरू हुआ तो लोगो ने पहले इसे सामान्य रूप से लिया, लेकिन मूसलाधार वर्षा के साथ बढ़ते पानी को देखकर माँड़ो के ग्रामीण जो जिस हाल मे था उसी हाल मे घरो से बाहर की तरफ भागे, किन्तु गाँव के दोनों तरफ गदेरे उफान पर देख खेतो मे रात काटने का फैसला किया | इस बीच रात करीब 9 बजे आपदा तंत्र को खबर मिलने के बाद बचाव दल हरकत मे आया तो आसपास के ग्रामीण भी मदद के लिए आगे आए | इस दौरान अपने घर की दूसरी मंजिल मे सुरक्षित परिवार के लोगो ने भी जन बचाने के लिए भागने का असफल प्रयास किया, मलवा – पत्थर के चेपेट मे आने के बाद सुबह बचाव दल को उनके शव बरामद हुए |
रविवार रात उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में बारिश और निकटवर्ती गांवों में बादल फटने की घटना के आगे ग्रामीण बेबस नजर आए। घटना की सूचना पर पुलिस, आपदा प्रबंधन और प्रशासन की टीम बारिश के बीच घटनास्थल के लिए रवाना तो हुई। लेकिन, राहत-बचाव अभियान शुरू करने के लिए सटीक घटनास्थल पर पहुंचने में टीमों को काफी समय लगा।
आपदा केंद्र से बचाव दल को दो हिस्सो मे बांटा गया एक मांडों गाव की तरफ तो दूसरा कंकराड़ी – मुस्टिक सौड की तरफ भेजा गया | सड़क मार्ग जगह – जगह पर बाधित होने कारण बचाव दल को गाव मे पहुचने मे बड़ी परेसानी का सामना करना पड़ा | लगातार हो रही तेज वर्षा और अंधेरे के कारण बचाव दल को कहा से सुरुवात करनी है इसका अंदाज लगाने मे भी मुस्किलों का सामना करना पड़ा | कंकराड़ी गाव मे बिजली और मोबाइल नेटवर्क न होना भी संकट को बढ़ाने वाला साबित हुआ |
इसी बीच मांडो गांव में एक ही परिवार की एक बच्ची सहित दो महिलाओं के घर के आंगन से ही बहने की सूचना गांव में फैली तो ग्रामीण और अधिक खौफजदा हो गए। रात करीब साढ़े नौ बजे बाड़ागड़ी पट्टी के कंकराड़ी गांव से बादल फटने के कारण दो मकान ध्वस्त होने और एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना मिली।
आपदा ने गाव मे दस्तक देने से पहले सड़क और पैदल संपर्क मार्ग, बिजली – पानी के साथ संचार सुविधा को भी अस्तव्यस्त कर दिया|
रात खुलते ही अध्यक्ष जिला पंचायत दीपक बिजलवान प्रभावित क्षेत्र मे पहुचे और पीड़ित परिवारों को ढाढ़स बँधाया साथ ही पीड़ित परिवारों को शासन प्रशासन से हर संभव मदद दिलवाने का भी भरोसा दिलाया