इस बार की आपदा ने भले ही ग्रामीणो को खूब रुलाया हो पर अधिकारियों का ड्यूटि करना सिखा दिया | बड़े अधिकारियों का ट्रेनिंग के दौरान छुट गया अधूरा पाठ भी आपदा ग्रस्त इलाके मे दौरे के बाद पूरा हो गया है | राजधानी की आबो हवा मे घर से ऑफिस के बीच झूमते उच्च स्तरीय अधिकारी भी आपदा ग्रस्त इलाके का दौरा करते नजर आ रहे है | इसे पीएम मोदी का खौफ कहे युवा मुख्यमंत्री धामी की नीति – महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी छाता ओढ़कर आपदा पीड़ित सीमांत क्षेत्र मे दौरा करते दिखाई दे रहे है
गत 18 जुलाई को जनपद में आयी प्राकृतिक आपदा से निजी एवं सार्वजनिक परिसम्पत्तियां क्षतिग्रस्त हुई थी। जिसमें अधिकांश पेयजल लाइनें भी ध्वस्त हुई थी।
आपदा प्रभावित गांव में पेयजल लाइनों को ठोस व स्थाई बनाएं जाने को लेकर जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित ने शासन स्तर से उच्च स्तरीय अधिकारियों की टीम उत्तरकाशी भेजने का अनुरोध किया था। इस परिपेक्ष्य में शासन से महाप्रबंधक उत्तराखंड जल संस्थान श्रीमती नीलिमा गर्ग,अधीक्षण अभियंता यशवीर मल्ल को उत्तरकाशी भेजा गया। जल संस्थान की टीम द्वारा तीन दिन तक प्रभावित गांवों का भ्रमण कर क्षतिग्रस्त पेयजल लाईनों का निरीक्षण किया। बताया गया कि ग्रामीणों को साफ व स्वच्छ जल मुहैया कराने को लेकर ठोस व स्थाई कार्य योजना तैयार की गई है। शीघ्र ही प्रभावित गांवों में स्थाई पेयजल लाइनों का कार्य शुरू किया जाएगा। कहा कि निरीक्षण के दौरान प्रभावित गांवों में अस्थायी रूप से पेयजल की आपूर्ति सुचारू पायी गई।
इस दौरान अधिशासी अभियंता जल संस्थान बलदेव सिंह डोगरा भी उपस्थित थे।