उत्तरकाशी
रास्ते पर अतिक्रमण के चलते नहीं हो सका नाला निर्माण |
उत्तरकाशी जिला मुख्यलाय नगर पालिका क्षेत्र वर्ड न 8 कालेश्वर मंदिर मार्ग पर विगत 25 वर्षो से लोग वरसात के महीने रात भर जागने को मजबूर है | स्थानीय निवासी रमेश पेनुली ने बताया कि गैर नाम तोक मे कालेश्वर मंदिर मार्ग पर अनियंत्रित भवन निर्माण और अतिक्रमण के चलते पैदल मार्ग पर ही घरो से निकलने वाले पानी की नालीया बहती है| बरसात के दिनो मे ऊपरी इलाके से बरसात का पानी इन छोटी नालियो की क्षमता से कही अधिक ओवरफ़्लो हो कर बहता है और आसपास के घरो मे घुस जाता है |

विगत 25 वर्षो से ऐसा ही हो रहा है | इस दौरान लोगो के घरो के बेड बिस्तर बर्तन और किचन का सामान भीगने के बाद खराब हो जाता है | नेता विधायक मंत्री डीएम तहसीलदार और पटवारी सभी के पास फरियाद लेकर लोग लौट आए है आज तक भरोसा तो मिला पर काम नहीं हुआ | स्थानीय निवासी रमेश पेनुली ने डीएम उत्तरकाशी को लेखे गए शिकायती पत्र के हवाले से कहा है कि 15 जून 2019 और 27 जुलाई 2019 को मौके पर आए जिलाधिकारी ने संबन्धित विभाग को समस्या के समाधान के निर्देश दिये थे जिसके बाद सिंचाई विभाग ने एक करोड़ 30 लाख रु का काम होना बताया किन्तु आज भी समस्या जेएस कि तस बनी हुई है | उहोने सुझाव दिया कि उफनते नाले के लिए डेढ़ मीटर गहरा और दो मीटर चौड़ा आरसीसी नाला निर्मित किया जाय | डीएम को लिखे पत्र मे स्थानीय लोगो ने चेतवानी दी है कि जल्द उनकी मांगो पर कार्यवाही नहीं हुई तो 27 जून से कालेश्वर मंदिर मार्ग पर वे लोग धरने पर बैठने को मजबूर होंगे|
विवाद का नही हुआ समाधान विभाग ने किए हाथ खड़े
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जय पाल सिंह रावत ने बताया कि उक्त कार्य के लिए आपदा मद मे एक करोड़ 37 लाख रु का बजट आबंटन हुआ था जिसमे से सिर्फ 9 लाख 70 हजार रु खर्च कर 78 मीटर लंबी नहर ही निर्मित की जा सकी थी बाकी के लिए विवाद की स्थिति होने के बाद बजट वापस कर दिया गया था |
ज्ञापन देने वालों मे रमेश पेनुली, विजयराज रावत , अवतार सिंह परमार, किसण सिंह भण्डारी आदि के हस्ताक्षर है |
