उत्तराखंड मे विधान सभा चुनाव-आप नेता का उत्तरकाशी दौरा –
देवस्थानम बोर्ड पर आप नेता कर्नल अजय कोठियाल का बयान
– बयान के विरोध मे पुरहोत सुरेश सेमवाल का केदारनाथ निर्माण पर पूर्व एनआईएम प्राचार्य कर्नल अजय कोठियाल को मुंह नहीं खोलने की नसीहत
तो आखिर क्या हुआ था केदारनाथ मे — जिस पर मुंह न खोलने की नसीहत दी जा रही है |
आम आदमी पार्टी के नेता पूर्व सैन्य अधिकारी कर्नल अजय कोठियाल के बयान को लेकर चर्चाओ का बाजार एक बार फिर गरम हो गया है |
गंगोत्री मंदिर समिति के सुरेश सेमवाल ने आप नेता के बयान पर प्रतिकृया देते हुए साफ लफ्जो ने आप नेता कर्नल अजय कोठियाल के सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर सवाल उठाते हुए उन्हे धार्मिक मामलो मे दखल नहीं देने की चेतवानी दी है, साथ ही उन्हे राजनीति छोडकर अपने पहले के काम पर चले जाने की नसीहत भी दी गयी है | इतना ही नहीं सुरेश सेमवाल आगे बोले कि केदारनाथ निर्माण कार्य मे उन पर लगे आरोपो पर उन्हे मुंह खोलने को मजबूर मत कीजिये और उन्हे अपने बयान का खंडन नहीं करने पर गंगोत्री धाम मे आप नेता कर्नल अजय कोठियाल का पुतला फूंकने की चेतावनी दी है |
दरअसल उत्तरकाशी जिला मुख्यालय मे आप नेता सेवा निवृत्त कर्नल अजय कोठियाल ने पत्रकार वार्ता की थी आरोप है कि इस दौरान उन्होने देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक बयान भी दिया था जिसको लेकर तीर्थ पुरोहित सुरेश सेमवाल आग बबूला हो गए | आइये आपको सुनते है कि पत्रकार वार्ता मे आम अजय कोठियाल ने देवस्थानम को लेकर क्या बयान दिया था |
गंगोत्री तीर्थ पुरोहितो की तरफ से छोड़े गए अग्निवाण के बाद धैर्य का परिचय देते हुए पूर्व सैन्य अधिकारी ने एक बार फिर से अपनी स्थिति स्पष्ट की |
उन्होने कहा कि पत्रकार वार्ता मे कुछ प्लांटेड लोगो के द्वारा उनके बयान का अधूरा पक्ष दिखाकर विवाद पैदा किया गया है | उन्होने एक बार फिर से देवस्थानम बोर्ड को लेकर दिये गए अपने बयान को दोहराया |
आप नेता की पत्रकार वार्ता मे दिये गए बयान और विवाद के बाद साफ हो जाता है कि उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे इतना बड़ा विवाद पैदा हो |
तो क्या तीर्थ पुरोहितो का त्वरित प्रतिवाद करना उचित है ?
क्या उन्हे आधी अधूरी जानकारी दी गयी ?
सबसे बड़ा सवाल जो सुरेश सेमवाल ने केदारनाथ नव निर्माण को लेकर कर्नल कोठियाल पर उठाए है क्या ये उनका निजी बयान था या तीर्थ पुरोहितो का अथवा मंदिर समिति का ?
और इससे भी बड़ी बात ये कि केदारनाथ निर्माण पर कर्नल अजय कोठियाल से मुंह न खुलवाने कि बात सुरेश सेमवाल कह रहे है उसमे कितनी सच्चाई है ?
क्या सच्चाई जानते हुए भी सुरेश सेमवाल अब तक सिर्फ इसलिए चुप थे कि कर्नल कोठियाल से उनका अब तक कोई बैर नहीं था ?
तो सवाल सिर्फ तब ही खड़े होंगे जब उन्हे छेड़ा जाएगा ?
अन्यथा सब कुछ ठीक है |