उत्तरकाशी : पीड़ा व्यापारी की – सहयोग की सब करते है अपेक्षा, पर मदद का पात्र नही ?

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प्रदेश मे आर्थिक ताने बाने के प्रमुख आधार व्यापारियो को उसकी दुकान मे हुए अग्निकांड के बाद कोई सरकारी मदद का पात्र नहीं माना जाता है,  जबकि बिना व्यापारी के सहयोग के कोई  भी राजनैतिक अथवा सामाजिक काम सफल नहीं होता है,  इतना ही नहीं वक्त जरूरत पर चंदे कि रूप मे सब की बढ़ चढ़ कर मदद करने वाले व्यापारी को ऐन वक्त जरूरत  पर भी कोई राहत नहीं मिला पाती है । उत्तरकाशी मे जिला व्यापार मण्डल ने  आपसी सहयोग से जमा  एक धनराशि से पीड़ित व्यापारी की कि मदद का जो अभियान सुरू किया है जो  धीरे धीरे सबके सहयोग से समाज के बीच एक प्रेरणा  का काम करेगा

देश मे बेतहासा बढ़ रही जनसंख्या के बीच सरकारी नौकरी के सीमित  साधन के बाद जीविका उपार्जन का  सबसे सुलभ साधन व्यापार ही है।  अगर आपके पास अच्छी जमा पूंजी है तो तो आप एक बड़ा व्यापार सुरू कर सकते है,  लेकिन ज्याददतर लोगो के इसके लिए बड़ी पूंजी नहीं होती है,  ऐसे मे अपने और अपने परिवार के पालन  पोषण के लिए उसे छोटा मोटा व्यापार ही सुरू  करना होता है । थोड़ी बहुत  जमा पूंजी व्यापार मे लगा देने के बाद जब आमदनी  की उम्मीद होती है तब दुर्भाग्यवास हुए अग्निकांड से व्यापारी के  सपने भी जल कर नष्ट हो जाते है , और वह धड़ाम से जमीन पर आ जाता है जिसके बाद उसे  दो जून की रोटी के लिए समस्या उठ खड़ी होती है |

उत्तरकाशी जिला व्यापार मण्डल के अध्यक्ष सुभास बाडोनी ने बताया कि आम जनता और कारखाने के बीच मे एक  कड़ी की  भूमिका निभाने वाले व्यापारी को अग्निकांड जैसे हादसे  के बाद कोई सरकारी मदद नसीब नही होती है । ये वही व्यापारी है जिसके पास समर्थन के लिए सभी राजनैतिक दल , कर्मचारी संगठन और छात्र संगठन आते है । दरअसल बिना व्यापारियो के सहयोग के कोई भी जन आंदोलन सफल नहीं माना जाता है । व्यापार मण्डल बंद की कि घोषण का असर सीधे तौर पर व्यापारी की कि रोजी रोटी पर पड़ता है, इसके बाद भी व्यापारी व्यापक जनहित मे अपनी भूमिका निभाते हुए सभी जन संगठनो  को अपना हर संभव सहयोग देता है, सिर्फ  बाजार बंदी के लिए ही नहीं नगर मे कोई भी कार्यक्रम हो तो  चंदे के लिए सबसे पहले लोग बाजार का ही रुख करते है । उस वक्त भी व्यापारी बढ़ा चढ़ कर अपना अंशदान देकर अपनी उपयोगिता साबित करता है । इन  सब के बाद भी ऐन जरूरत  पर जब एक व्यापारी को खुद के लिए सहयोग की  जरूरत होती है कोई उसकी मदद के लिए कोई भी हाथ नहीं बढ़ाता है । लिहाजा जिला व्यापार मण्डल ने अपने स्तर से ही मदद की  सुरुवात कर दी है ।

 जिला अध्यक्ष सुभास बाडोनी ने बताया कि हाल मे उत्तरकाशी नगर मे एक और चिन्यालीसौड़ मे हुए  दो अग्निकांड के बाद जिला व्यापार मण्डल द्वार हर व्यापारी को पाँच हजार कि आर्थिक मदद की  गई ? यह रकम कुछ व्यापारियो ने आपसी सहयोग से जमा कर पीड़ित व्यापारी को उपलब्ध कराई । उन्होने कहा कि भविष्य मे व्यापार मण्डल सभी व्यापारियो से मासिक शुल्क के रूप मे जमा धनराशि से पीड़ित व्यापारियो कि भरपूर मदद  करेगा । मदद कि धनराशि भले ही कम हो पर इससे व्यापारी को अहसास होता है कि कोई तो उसकी मुसीबत मे  चिंता करता है । इस धनराशि का देते समय कोई फोटो जारी नहीं किया जाता ताकि व्यापारी का आत्मसम्मान भी बना रहे , साथ ही यह कोशिस भी कि जाती है कि ऐसे हादसो के वक्त अन्य सक्षम व्यापारी भी स्वयं की  प्रेरणा से मदद के लिए आगे आए । बताते चले कि नगर पालिका क्षेत्र चिन्यलीसौद के पीपलमंडी  बाजार मे एक निजी होटल मे आग लग गई थी इस घटना मे भले ही कोई जन हानी नहीं हुई, किन्तु आग लगने से होटल के भूतल पर एक रेस्टोरेन्ट और एक मोबाइल वर्क शॉप का सारा समान जल कर खाक हो गया था । इसी तरह पिछले महीने नगर मुख्यालय मे तांबाखानी के पास एक दुकान मे आग लग गई थी । जिला व्यापार मण्डल ने तीनों दुकान स्वामियों को 15 हजार की छोटों मदद से एक नई सुरुवात की है ।

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