आधुनिक युग मे सेब और कीवी जैसे फलो की उन्नतशील किश्म को पहले लैब मे तैयार किया जाएगा ताकि उसे यहा के मौसम के अनुकूल बनाया जा सके यहा से निकलने वाले पौदों पर आरपीजी आउट कीड़े लाग्ने की संभावना बहुत कम होगी
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय के नजदीकी गांव नेताला में टिशू कल्चर लैब
सहायक जिला उध्यान अधिकारी नन्द किशोर सिंह ने बताया कि बीएडीपी योजना के अंतर्गत उत्तरकाशी जिले के भटवाडी ब्लॉक मे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप मे यह लैब सुरू कि गयी है और करीब ढाई साल बाद यहा से करीब 10 हजार पौध तैयार होगी जो आकार मे सामान्य से छोटे पेड़ बनेगे और मौसम के अनुकूलता के साथ सामान्यतह रोग मुक्त होंगे | पहली खेप के रूप मे उन किसानो को यहा से तैयार सेब के उन्नतशील किश्म के पौध उपलब्ध कराये जाएंगे जो पुरानी परंपरागत पेड़ो को बादल कर नया आजमाना चाहते है |
जिलाधिकारी श्री मयूर दीक्षित के निर्देशों के क्रम में उद्यान विभाग द्वारा टिशू कल्चर लैव में विभिन्न प्रजातियों की पौध तैयार की जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि माह फरवरी के अंत में जिलाधिकारी ने स्वंय नेताला में टिशू कल्चर लैव की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया था। तथा लैब की महत्वता को देखते हुए अवशेष कार्यों को तीव्र गति से करते हुए विधिवत संचालन को लेकर मुख्य उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया था।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर टिशू कल्चर लैब में सेब व कीवी की पौध तैयार होने से निश्चित तौर पर किसानों को इसका लाभ मिलेगा। आने वाले समय में लैब की क्षमता को और अधिक बढ़ाया जायेगा ताकि अधिक से अधिक किसान इससे लाभान्वित हो सकेंगे।
वहीं सहायक उद्यान अधिकारी एनके सिंह ने बताया कि नेताला में पादप संवर्द्धन प्रयोगशाला का संचालन शुरू हो गया है। जिसमें वर्तमान में सेब की क्नोनल रूट स्टाक किस्म व कीवी की मादा हेवर्ड और नर की टमोरी किस्म की पौध तैयार की जा रही हैं। अगले दो माह के भीतर सेब व कीवी की करीब 700 से 800 पौध तैयार की जाएगी। जिसे जनपद के किसान व बागवानों को वितरित की जाएगी।