अपशिष्ट का दोहन पृथक-पृथक किया जाना आवश्यकः सीडीओ

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अल्मोड़ा। जनपद को प्रदूषण मुक्त करने व हरित क्रान्ति में आदर्श जनपद की श्रेणी में लाने के लिए सभी विभागों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन बखूबी करना है। यह बात राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की आहूत बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे ने कही। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट का दोहन पृथक-पृथक किया जाना आवश्यक है। ठोस व गीले अपशिष्ट को अलग-अलग निस्तारण किया जाय। प्रदूषण नियंत्रण में नगरपालिका, नगर पंचायतें अपने संसाधनों से नियंत्रण कर सकते है। उन्होंने कहा कि तहसील व विकासखण्ड स्तर पर भी इस योजना को लागू किया जाना है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के लिए औद्योगिक इकाईयों को भी जागरूक करना होगा।
बैठक में उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए आम जन सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वजल के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को चिकित्सालयों के अपशिष्ट के निस्तारण की निगरानी समय-समय पर करने के निर्देश दिये। उन्होंने जलस्रोतों को पुर्नजीवित कर प्रदूषण नियंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर जी0बी0 पंत हिमालयन पर्यावरण संस्थान के वैज्ञानिक जे0सी0 कुनियाल ने भी प्रदूषण नियंत्रण के सुझाव दिये। इस बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम वन प्रभाग आर0सी0 काण्डपाल, प्रभागीय वनाधिकारी महातिम यादव, वनाधिकारी भूमि संरक्षण वन प्रभाग रानीखेत यू0सी0 तिवारी, वैज्ञानिक डा0 कपिल केसरवानी, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका श्याम सुन्दर प्रसाद, अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत राजेन्द्र कठैत, संभागीय परिवहन अधिकारी डा0 गुरदेव सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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