सबकी खबर लिखने और खबर रखने वाले पत्रकारों को खुद नारेबाजी करते हुए अपने अधिकारों के लिए सडक पर उतरना पड़े तो कोरोना काल में लोकतंत्र कि स्थिति समझी जा सकती है | पहले तो चोरी और उस पर सीना जोरी की बात उधमसिंह नगर में देखने को मिल रही है | 45 से कम उम्र के युवक को राजनीतिक दबाव में वैक्सीन लगाये जाने के आरोप की बात जाँच में सही साबित पाए जाने पर सुचना विभाग से जारी प्रेस नोट के आधार पर खबर बनाये जाने के बाद आरोपी स्वास्थ्य कर्मी भड़क गया और अपनी सोसल मीडिया पर भद्दी हरकतों करने पर उतारू हो गया तो पत्रकारों को सडक पर उतरना पड़ गया |
ऊधमसिंह नगर जिले स्वास्थ्य विभाग के एडीटीओ हरेंद्र मलिक द्वारा जिले के पत्रकारों द्वारा लिखी गई खबर पर आपत्ति जनक टिप्पणी करने के विरोध मे श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की किच्छा इकाई ने इकाई ने शहर के डीडी चौक पर कोविड 19 की गाईडलाईन का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के एडीटीओ हरेंद्र मलिक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया।
इस दौरान कार्यक्रम को पत्रकारों ने कहा कि डीएम रंजना राजगुरु ने मामले की जांच सीडीओ को दी थी,जिसमें कुछ राजनीतिक दल के 45 साल के कम आयु के कार्यकर्ताओं को कोविड19 वैक्सीनेशन किया गया थी, इस पूरे मामले पर जब सीडीओ द्वारा जांच गई तो शिकायत सही पाए गई जिसके बाद सीडीओ ने स्वास्थ्य विभाग के एडीटीओ हरेंद्र मलिक को फटकार लगाई और एक प्रेसनोट सूचना विभाग द्वारा जारी किया गया। सूचना विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट के आधार पर जब पत्रकारों द्वारा खबर प्रकाशित कर व्हाट्सएप पर शेयर की गई, तो खबर पर स्वास्थ्य विभाग के एडीटीओ द्वारा खबर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई जिससे क्षेत्र के पत्रकारों मे काफी आक्रोश है।पत्रकारों ने कहा कि अगर जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के एडीटीओ हरेंद्र मलिक के खिलाफ कठोर कार्रवाई नही हुई तो जिले के पत्रकार स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगें।