देश की सीमाओं को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण में लगी हुई बीआरओ यानी सीमा सड़क संगठन धरातल पर कैसे काम करती है – इसका एक नमूना आपको दिखाते हैं
यह सड़क उत्तरकाशी – केदारनाथ बाईपास को जोड़ती है , जब चार धाम यात्रा करने के बाद श्रद्धालु गंगोत्री से दर्शन कर वापस लौटते हैं तो उत्तरकाशी लमगांव होते हुए इसी मार्ग से केदारनाथ की तरफ जाते हैं ।
चार धाम यात्रा से पहले सड़कों की हालत ठीक करने उन्हे गद्दा मुक्त करने के नाम पर किस तरह से पैचिंग वर्क किया जाता है- इसका एक नमूना आपको दिखाते हैं
आप तस्वीरो में देख पा रहे हैं – जिस जगह पर पैचिंग वर्क किया जाना था और जिसके लिए गर्म तारकोल भी सड़क पर बिछाया गया था लेकिन उसके बाद भी गर्म तारकोल के काले निशान तो सड़क पर दिखाई दे रहे हैं लेकिन जो गड्ढे हैं वह अभी भी खाली ही दिखाई दे- रहे है
इसकी दो वजह हो सकती है या तो गर्म तारकोल जिसे बेस कोट कहा जाता है बिछाने के बाद ग्रिट बिछाई ही नहीं गई या फिर तारकोल ग्रिट डालते ही उखड़ गई है।
यही छोटी-छोटी बातें एक दिन ज़िदगी पर भारी पड़ जाती है – जिन सदको पर चलकर हम अपनी मंजिल तक पहुंचने की ख्वाहिश रखते हैं उनही सड़कों के निर्माण में जिस तरह की लापरवाही बढ़ती जाती है उन्हे यदि यहीं पर नहीं रोका गया तो भविष्य में इन्हे रोकना बेहद नामुमकिन हो सकता है-
इसलिए सतर्क रहिए सुरक्षित रहिए और अपने आसपास की गतिविधियों पर पैनी नजर रखिए जय हिन्द