बिना रजिस्ट्रेशन और कोविड निगेटिव रिपोर्ट के नहीं मिलेगा हरिद्वार कुंभ में प्रवेश, राज्य ने जारी की एसओपी

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देहरादून। प्रदेश सरकार ने कुंभ की विस्तृत एसओपी जारी कर दी है। इसके तहत आश्रम और धर्मशालाओं से लेकर परिवहन तक के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए गए हैं। इस बार कुंभ मेले में बिना रजिस्ट्रेशन और बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रवेश नहीं मिलेगा। वहीं, सामूहिक भजन गायन और भंडारे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यात्रियों को ऑनलाइन ही पास जारी किए जाएंगे।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग एसए मुरुगेशन ने मंगलवार को कुंभ मेले की गाइडलाइन जारी कर दी। उन्होंने आश्रम, धर्मशाला, वाहन पार्किंग स्थान, होटल व रेस्टोरेंट, हॉल्टिंग प्वाइंट, धार्मिक स्थल, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक परिवहन और बस स्टेशन के लिए अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं। सभी में इस बात का सख्ती से लागू किया गया है कि अगर नियमों का पालन नहीं होगा तो सीधे तौर पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आश्रम या धर्मशाला में केवल तभी प्रवेश मिलेगा, जबकि उनके एंट्री पास और हथेली के ऊपरी भाग पर अमिट स्याही से निशान लगा होगा। मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं के बीच दो गज की दूरी आवश्यक होगी।
उनके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना भी अनिवार्य होगा। इसी प्रकार, अगर किसी बस में यात्रा कर रहे श्रद्धालु में कोरोना के लक्षण लगते हैं तो बस के  ड्राईवर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह इसकी सूचना पुलिस या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को दे। कुंभ में अगर कोई वाहन या तीर्थयात्री बिना पंजीकरण आएगा तो उसे किसी भी सूरत में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।  कुंभ मेले के दौरान भीड़ नियंत्रण को लेकर भी खास तवज्जो दी गई है। एसओपी में कहा गया है कि शाही स्नान की जो तिथियां अधिसूचित होंगी, उन पर हरिद्वार में बाजार बंद रहेंगे। केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें जैसे- डेयरी, भोजन, दवा, पूजन सामग्री व कंबल की दुकानें ही खुलेंगी। पवित्र स्नान के लिए केवल 20 मिनट का ही समय दिया जाएगा। मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों की यह जिम्मेदारी होगी कि 20 मिनट का समय पूरा होते ही वह उस जत्थे को बाहर निकालें ताकि दूसरा जत्था स्नान कर सके। गंगा तट पर तैनात सभी सुरक्षाकर्मी पीपीई किट से लैस होंगे।

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