आदिवासी दिवस पर कलश यात्रा

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मंडला ( नारायणगंज ) :- ग्राम मानेगांव में बड़े धूमधाम से विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया ।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्र के महिला पुरुषो ने भाग लिया ।

अंकित तिवारी

कार्यक्रम की शुरुवात मानेगांव सरपंच श्री फूलचंद कोकड़िया के घर से कलश यात्रा निकाली गई जो बस्ती होते हुये कार्यक्रम स्थल तक रैली के रूप में पहुची । इसके बाद सभी अथितियों का स्वागत अभिवादन किया गया । कार्यक्रम की शुरुवात आदिवासी सांस्कृतिक एवं गीतों के माध्यम से किया गया सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद क्षेत्र के गड़मान्य नागरिकों द्वारा आदिवासी अधिकार, पेसा कानून, वनाधिकार कानून एवं विस्थापन के मुद्दों पर चर्चा किया गया चर्चा के दौरान चुटका परमाणु विरोधी संघर्ष समिति के अध्यक्ष श्री दादू लाल कुडापे एवं सदस्य श्री मति मीरा बाई द्वारा चुटका परमाणु संयंत्र जैसे घातक परियोजना को रद्द करने एवं बरगी बांध के विस्थापितों का पुनर्वास किया जाए ये बात कही गई ।इसके बाद संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष श्री दयालसिंह पुन्दे द्वारा पेसा कानून को लागू किया जाए एवं बिना ग्राम सभा के अनुमति के कोई भी परियोजना क्षेत्र मे नही बनाया जाए ये अपील की गई । मानेगांव सरपंच श्री फूलचंद कोकड़िया जी द्वारा बताया गया कि हमारे गांव मानेगांव में चुटका परियोजना का आवासी कालोनी बनना है जिसके लिए परियोजना द्वारा भूमि अधिग्रहण किया गया है जिसमे कास्तकारों के साथ भारी धोखाधड़ी किया गया है गांव के लोगो द्वारा पथरीली भूमि 15 लाख एकड़ के हिसाब से देने हेतु सह मति दी गई थी । लेकिन परियोजना द्वारा कम मुवावजा देकर कृषि वाली काली मिट्टी की जमीन ले ली गई इसी प्रकार मानेगांव का कृषक श्री दानसिंह उइके एवं अन्य मानेगांव के लोगो ने भी अपनी बात रखी ।


इसके बाद बरगी बांध विस्थापित मत्स्य उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री मुन्ना लाल वर्मन द्वारा कहा गया कि बरगी जलाशय से ठेकेदारी प्रथा खत्म कर जलाशय में मछुवारों को अधिकार दिया जाए एवं चुटका परमाणु संयंत्र को भी रद्द किया जाए अगर यह परियोजना यहाँ बनता है तो 2000 मछुवारा परिवारों की आजीविका संकट में आ जाएगी । श्री बर्मन जी द्वारा यह बात भी रखी गई कि बरगी जलाशय में जहाँ जहाँ घाट संचालित हो रही है वहाँ बड़ी मोटर वोट की ब्यवस्था किया जाए ताकि नाव डूबने जैसे बड़ी दुर्घटनाओ से बचा जा सके ।
इसके बाद बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के प्रतिनिधि श्री शारदा यादव द्वारा बरगी बांध विस्थापितों के पुनर्वास के संबंध में कहा बरगी के लोगो को 1894 के भू अर्जन कानून के तहत नाम मात्र का मुवावजा देकर विस्थापित कर दिया गया जबकि उस समय विस्थापितो के पुनर्वास हेतु कोई ठोस नीति नही बनी थी । संघर्षों के बाद सरकार को नई पुनर्वास नीति बनाने के लिए बाध्य होना पड़ा जो कि म, प्र , राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति 2002 के नाम से जाना जाता है । पुनर्वास नीति 2002 के परिशिष्ट 2 में पुनर्वास एवं पुनर्बसाहट के तहत आजीविका के न्यूनतम ब्यबस्था हेतु कम से कम 2 हेक्टेयर एवं अधिक से अधिक 8 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि देने का स्पष्ट प्रावधान है । उक्त प्रावधान के तहत बरगी बांध के विस्थापितों को कम से कम 2 हेक्टेयर कृषि भूमि दिया जाए ओर सरकार के पास भूमि नही है तो 10 लाख रु प्रति हेक्टेयर के हिसाब से क्षति पूर्ति राशि का भुगतान किया जाए । साथ ही पूर्व में पुनर्वास के तहत पारित म, प्र, शासन के आदेश जैसे 15 दिसम्बर को प्रत्येक वर्ष बरगी जलाशय का जल स्तर 422,76 मी, से घटाकर 418 मी, किया जाए , डूब से खुलने वाली भूमि के दस वर्षी पट्टे का नवीनीकरण किया जाय, 1990 में जो विस्थापित परिवार बयस्क हो गए है उनको अलग परिवार मानते हुवे आवास योजना का लाभ दिया जाए एवं बरगी जलाशय से पानी लिफ्ट कर जलाशय के आस पास बसे ऊपर गावो के लोगो को पीने एवं सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाए एवं पूर्व में गठित पुनर्वास राज्य स्तरीय ,संभाग स्तरीय, और जिला स्तरीय समितियों की बैठको का तत्काल आयोजन किया जाए ।
कार्यक्रम का सफल संचालन बरगी बांध विस्थापित संघ के सदस्य श्री मुन्ना लाल यादव द्वारा किया गया एवं श्री यादव द्वारा यह भी घोषणा किया गया कि इन सभी मुद्दों का एक ज्ञापन तैयार किया जाए और संबंधित कलेक्टर महोदय, एवं क्षेत्रीय विधायक जी, मुख्यमंत्री जी और नर्मदा घाटी विकास मंत्री को भेजा जाए आदिवासी दिवस के दौरान उठाये गए मुद्दों के निराकरण की जानकारी संबंधित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियो से क्षेत्र की जनता जन संवाद कार्यक्रम में सवाल जबाव के माध्यम से लेगी ।जन संवाद कार्य क्रम आगामी माह सितंबर या अक्टूम्बर 2019 में प्रस्तावित है ।

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