आधुनिकता के नाम पर चकाचौंध में बह रही युवतियों को आखिर कब सबक मिलेगा, कब तक बेटियाँ यू ही अपनी जान देती रहेंगी ?
ताजा मामला गाजियाबाद के खोड़ा का है जहां 11वीं कक्षा की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या इसलिए कर ली कि मासूम छात्रा के साथ दुष्कर्म कर उसके साथी ने ही उसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था, विडियो वायरल हुआ तो मुहल्ले मे रहन मुसकिल हो गया । परेशान होकर युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर वैधानिक कार्यवाही पूरी कर ली लेकिन बड़ा सवाल यही कि क्या खुद पर प्रयोग करके ही नई पीढ़ी कुछ सीखेगी या दूसरों के साथ हो रहे हादसो के बाद भी कुछ सीखने का प्रयास करेगी, आखिर कब तक बेटियां और बहने इसी तरह से अपनी जान से हाथ धोती रहेंगी । आखिर कब तक
क्या दोष सिर्फ उस युवती का था , क्या समाज मे संस्कार और नैतिकता अब भी पिछड़ेपन की निशानी मानी जाती रहेगी , ऐसी भी क्या आधुनिकता जिसमे जिदंगी से ही हाथ धोना पड़ जाये । पुलिस की तफ़तीस मे जब खुलासा होगा तो एक कैंडल मार्च कर फिर अपनी दुनिया मे मस्त हो जाएंगे हम ?
ताकि फिर किसी मासूम के लिए कैन्डल जला सके?
क्या सिर्फ पुलिस के भरोसे ही सब कुछ चलता रहेगा या समाज भी आगे आएगा ? आखिर क्यो और कब तक