राजकाज के बोझ तले अब ज्यादातर समय मीटिंग हाल में गुजारने वाले उत्तरकाशी के डीएम आशीष चौहान का आरंभिक दौर इससे बिल्कुल भिन्न था, आम लोगो की समस्याओं के निदान में सरकारी स्तर पर मदद के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी हर मसले पर 24 घंटे तैयार दिखाई देते थे। सरकारी काम के बोझ के बावजूद उन्होंने लॉक डाउन के चलते उत्तराखंड के उत्तरकाशी में फसे एक विदेशी को एक बार फिर से मुस्कुराने का मौका दे दिया जिसके बाद विदेशी ने डीएम का शुक्रिया अदा किया है।
दरअसल कोरोनावायरस के चलते ग्रीन जोन उत्तरकाशी में उत्तराखंड के दूसरे जिलों से आने वाले स्थानीय निवासियों को भी प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन कराया जा रहा है ऐसे में एक विदेशी को जिसको कोई रखने को तैयार नहीं था उसकी मनपसंद स्थान पर होम क्वॉरेंटाइन कराने से विदेशी के साथ स्थानीय लोगों को भी खुशी और गौरव का भान हो रहा है ।
चेक रिब्लिक से आए सॉफ्टवेयर इंजीनियर लीबोर लॉकडाउन्न से पहले 21 मार्च को उत्तरकाशी पहुंचे, जहां lockdown के डर ओर कोरॉना के चलते कहीं भी इनको रहने का ठिकाना नहीं मिला ओर ये नदी किनारे एक झोपड़ी में रात बिताने को मजबर हुए अगले दिन इनको उत्तरकाशी में देखते ही पुलिस द्वारा हॉस्पिटल में भरती कर qorontian कर दिया गया।
डीएम उत्तरकाशी डॉक्टर आशीष चौहान ने इनकी भरपूर मदद की गई ओर इनको जांच के पश्चात उत्तरकाशी में रुकने की अनुमति दे दी गई । ऐसी स्तिथि में इनको कहीं भी भेजा जाना उचित भी नहीं था ।
विदेशी लिबोर ने डीएम उत्तरकाशी आशीष चौहान से अपने मन पसंदीदा होमस्टे हिल due में रुकने की इच्छा जतायी।
बड़े दिल वाले जिलाधिकारी के निर्देश पर इन्हें इनकी मन पसंदीदा होमस्टे में रहने की अनुमति दे दी गई। किसे कहते हैं
बड़े लोगों की बड़ी बात