दिल्ली में अतिक्रमण किसकी शह पर?

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दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में ” दिल्ली में अतिक्रमण: समस्या एवम समाधान” विषय पर परिचर्चा

आंकित तिवारी

दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज स्थित कांफ्रेंस हॉल में “दिल्ली में अतिक्रमण: समस्या एवम समाधान” विषय पर आयोजित परिचर्चा में दिल्ली के सभी नगर निगम क्षेत्र के RWA प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया , जिसमें उन्होंने दिल्ली की ज्यादातर समस्याओं का मूल कारण अतिक्रमण माना एवम अपनी चिंता जाहिर की। इसके समाधान हेतु वक्ताओं ने अपने अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के संयोजक एवं रामजस कॉलेज में बिजनेस लॉ एंड कॉरपोरेट गवर्नेंस के सहायक प्रोफेसर डॉ. धनीराम ने कहा कि पूरा रोहिणी क्षेत्र अवैध अतिक्रमण की चपेट में है। अतिक्रमणकर्ता कानून की उपेक्षा कर रहे हैं और उन्हें दंड या सजा की परवाह नहीं है क्योंकि ऐसे लोग एमसीडी, डीडीए , दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की मिलीभगत से अपना अवैध कार्य बखूबी चला रहे हैं।


“सेव आवर सिटी” आंदोलन के संस्थापक राजीव काकड़िया ने दिल्ली क्षेत्र के RWA को जोड़कर अतिक्रमण के खिलाफ हल्लाबोल आंदोलन की शुरुआत करने का संकल्प किया तथा सभी सदस्यों को जुड़ने तथा इस मुहिम को समर्थन देने की अपील की।
एस.के. उबोवेजा ने कहा कि दिल्ली के लगभग 2500 RWA एक प्लेटफॉर्म पर आ जाय तभी समाधान हो सकता है। रिक्शेवाले, रेहड़ी -पटरी वाले भी हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं पर हमने उन्हें अपना भागीदार नहीं बनाया। वास्तव में लोभ और लाभ की प्रवृति ने अतिक्रमण को और अधिक बढ़ाया है। इसमें लिप्त नागरिक कभी भी इसके खिलाफ मुखर नहीं होता है। दिल्ली के ज्यादातर इलाके में एक झुग्गी के अतिक्रमणकर्ता से लगभग एक लाख रुपए की वसूली की जाती है और फिर सभी संबंधित विभागों में बंट जाती है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवम प्रसिद्ध अारटीआई एक्टिविस्ट विवेक गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार एवम राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के कार्य बंटे हुए हैं। हर विभाग की अपनी अपनी जिम्मेवारी भी बनती है,पर इच्छाशक्ति के अभाव में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और बिल्डिंग बायलौज के प्रतिकूल अवैध निर्माण के खिलाफ क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सुप्रीम कोर्ट अपना काम कर रही है, पर सरकारें अपना कार्य नहीं कर पा रही हैं। प्रायः सभी संबंधित विभागों के विजिलेंस प्रभाग में कई शिकायतें लंबी अवधि से पेंडिंग स्थिति में है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के संबंध में दिल्ली पुलिस जनता को गुमराह करती है परंतु वास्तव में दिल्ली पुलिस आईपीसी की1860की धारा431,269,270,278,120बी,34, एवं दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 78,99,100,131के तहत अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सीधे कार्यवाही करते हुए गिरफ्तारी भी कर सकती है। ठीक उसी तरह एमसीडी भी डीएमसी एक्ट के तहत और डीडीए भी डीडीए एक्ट1957 की धारा 14, धारा 29, धारा 34A के तहत कार्यवाही कर सकती है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस हेतु उच्च न्यायालय , सर्वोच्च न्यायालय, एनजीटी द्वारा दिए गए आदेश तथा संबंधित सभी विभागों के सर्कुलर, अमेंडमेंट का अध्ययन करने की सलाह दी।
दिल्ली के सुप्रसिद्ध आरटीआई एक्टिविस्ट एवम इस्ट विनोद नगर RWA के सदस्य गोपाल प्रसाद ने कहा कि जब बेईमान , भ्रष्ट और अतिक्रमणकर्ता एक हो सकते हैं तो ईमानदार, एवं कानून का पालन करने तथा जिम्मेवार नागरिक की भूमिका अदा करनेवाले एक क्यों नहीं हो सकते हैं? उन्होंने कहा जनहित के मुद्दे पर साढ़े छह हजार आरटीआई आवेदन दायर करने के बावजूद ऐसा लगता है कि मैंने अभी तक कुछ किया ही नहीं है। आज अतिक्रमण के खिलाफ जनता का जनजागरण एवम मुहिम प्रारंभ किए जाने की आवश्यकता है। इस हेतु संपर्क,समन्वय, संवाद एवम हस्ताक्षर अभियान तथा शिकायती पत्र भेजो अभियान व्यापक स्तर पर किया जाना चाहिए। वे स्वयं अतिक्रमण के खिलाफ सूचना का अधिकार का प्रयोग करेंगे एवम RWA तथा आम नागरिकों को इस हेतु प्रशिक्षित करेंगे
राणा प्रताप बाग से आए सौरभ गांधी ने अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत करनेवाले एक्टिविस्टों को मिलनेवाली धमकी ,उत्पीड़न , झूठे मामलों में फंसाने की साजिश के मद्देनजर सरकार से सुरक्षा की मांग उठाई।उन्होंने सरकार एवम दिल्ली पुलिस से विशेषकर डॉ. धनीराम की सुरक्षा की मांग की।
दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र के आनंद निकेतन RWA की सदस्य प्रोफेसर श्रीमती जलज त्रिपाठी ने कहा कि हमें सर्वप्रथम दिल्ली में फुटपाथ अतिक्रमण मुक्त हेतु अभियान शुरू करनी चाहिए। फुटपाथ हेतु कम से कम 5 फीट तक अनिवार्य रूप से छोड़ना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों एवम एजेंसियों के शक्ति संपन्न होने के बाबजूद अतिक्रमण मुक्ति क्यों नहीं हो पाया? दुकानें शटर से बाहर ना हों (डोंट ओवरफ्लो इन आउटर एरिया)।जो रोड 60फीट की थी आज 40फीट की रह गई है।
मालवीय नगर RWA से आए नीरज चोपड़ा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा किसरकारी विभागों के खिलाफ जाने पर वे आपके खिलाफ जाने की संभावना तलाशते हैं।दिल्ली में झुग्गियों के अतिक्रमणकारियों ने अपने को सेफ करने के लिए मंदिर,मस्जिद, गुरुद्वारा बना लेते हैं।

क्यों बदरंग हो रही दिल्ली

मुखर्जी नगर RWA से आए के. सी. जैन ने कहा कि केंद्र एवम राज्य सरकारों को अत्याधुनिक तकनीक जीपीआरएस, आरएफअाईडी, सीसीटीवी कैमरा युक्त व्यवस्था को दिल्ली के संपूर्ण क्षेत्र में लागू करके अतिक्रमण के खिलाफ ऑटोमेटिक पेनाल्टी की त्वरित कार्यवाही करने हेतु बजट का प्रावधान करना चाहिए।

कार्यक्रम में डॉ. धनीराम के अतिरिक्त मुख्य रूप से जे. सी. गोसाईं , के. सी जैन, एडवोकेट विवेक गर्ग, एडवोकेट एस. एल. मेंहदीरत्ता, आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद। मंडावली, नितिन मदान राजौरी गार्डेन, सौरभ गांधी राणा प्रताप बाग,आर. एन. भागी, डॉ. श्रीमती जलज त्रिपाठी, नीरज चोपड़ा मालवीय नगर, एम.सी. शर्मा, एस.के. उबोवजा, चंद्रप्रकाश,योगेश जैन ने भाग लिया। अंत में डॉ. धनीराम जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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