नही रहे केमति सिंह, थामा था नर्मदा बचाओ अभियान

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सामाजिक कार्यकर्ता श्री केमतसिंह गवले का अंतिम संस्कार

सामाजिक कार्यकर्ता श्री केमतिसिंह गवले का आज दोपहर उनके गृहग्राम ककराना में नर्मदा और हथिनी नदी के संगम पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनका निधन अल्प बीमारी के बाद 6 जुलाई 2019 को इंदौर के एक निजी चिकित्सालय में हो गया था।

आंकित तिवारी

श्री गवले नर्मदा बचाओ आंदोलन और खेड़ूत मजदूर चेतना संगठ के सक्रिय कार्यकर्ता थे। वर्तमान में वे राणी काजल जीवनशाला के कर्ताधर्ता थे। पहँचविहीन आदिवासी गाँवों में शिक्षा के प्रसार हेतु ग्राम ककराना में पिछले डेढ़ दशक से आवासीय जीवनशाला संचालित की जा रही है जिसमें इस सत्र में 52 आदिवासी गाँवों के 214 बालक-बालिका अध्ययनरत् है जिनमें से 47 प्रतिशत छात्राएँ है। आवासीय विद्यालय होने के कारण उन परिवारों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं जो काम के लिए अन्य राज्यों में पलायन करते हैं। शिक्षा में नवाचार के कारण इस जीवनशाला को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिल चुकी है।

अंतिम संस्कार स्थल पर आयोजित शोकसभा में जीवनशाला के ट्रस्टियों सर्वश्री सुरभान भीलाला, गोखरु सोलंकी और कैलाश अवास्या ने श्री गवले को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्हें श्री गवले की कमी जरुर महसूस होगी लेकिन हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए जीवनशाला को पूर्ववत् संचालित करते रहेंगें। श्री गवले के अंतिम संस्कार में नर्मदा बचाओ आंदोलन, खेड़ूत मजदूर चेतना संगठ, जन स्वाेस्य्त अभियान, मंथन अध्येयन केन्द्र , नई शुरुआत, बुंदेलखण्ड जीविका संगठन, सिलिकोसिस पीड़ित संघ और जिंदगी बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओ के अलावा बड़वानी, इंदौर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के मित्र एवं करीब 50 गाँवों के कोई 1000 लोग शामिल हुए।

इसके पूर्व आज प्रात: श्री गवले के पार्थिव शरीर को उनकी कर्मभूमि राणी काजल जीवनशाला परिसर में दर्शनार्थ रखा गया जहाँ जीवनशाला परिवार, छात्र-छात्राओं एवं पालकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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