कोरांव प्रयागराज में भू माफियाओ के खिलाफ जमीन काटने वाली मसीन के सामने विरोध के लिए सड़क पर जो लेटे है वो कोई नेता नहीं है, न कोई पीड़ित ग्रामीण, बल्कि खुद सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल कुमार यादव है , जिस विभाग के पास प्राकृतिक नालों के संरक्षण की जिम्मेदारी है | जब विभाग के अधिकारी होने के बाद भी वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभा सके तो सड़क पर ट्रैक्टर और जेसीबी के सामने लेटकर अपना लोकतान्त्रिक अधिकार से विरोध मे खड़े हो गए |
अंकित तिवारी प्रयागराज
मामला उत्तर प्रदेश प्रयागराज जिले के कोराव तहसील का है | आरोप है कि खीरी थाना इंचार्ज और एसडीएम कोराव भी जब भू माफियाओ से मिल गए तो 100 वर्ष पुराने 40 फुट चौड़े प्राकृतिक नाले को मिट्टी से भरकर बंद करने की तैयारी करने लगे | नाले को पाट कर इस महंगी जमीन को बेचने की तैयारी चल रही थी | सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता ने कानून समझाया तो उन्हे धमकी दी गई और मौके पर नहीं आने की चेतवानी भी दी गई | जब नियम कानून की कोई भाषा भू माफियाओ को समझ नहीं आई तो सहायक अभियंता को खुद सड़क पर लेटकर काम रुकवाना पड़ा | मौके पर मौजूद मेडिया कर्मियों को साहायक अभियंता ने बताया कि विगत 100 सालों से गाँव के बीच ये प्राकृतिक नाला निरंतर बह रहा है और खुद सिंचाई विभाग ने 45 साल पहले इसी नाले पर पुलिया निर्माण कराई थी जो ये साबित करने के लिए पर्याप्त है कि नाला इसी संरेखण मे वर्षों से बह रहा है | उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले मे एसडीएम और थाना प्रभारी भी मिले हुए है | मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान मे आया तो फिलहाल डीएम के निर्देश पर नाला पाटने का काम रोक दिया गया है |
