वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तराखंड के गोरिल्ला भी अपनी जनसंख्या गणित को सरकार के सामने रखकर अपनी वर्षों पुरानी तीन मांगे पूरी करने को उत्सुक दिखाई दे रहे हैं .
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अल्मोड़ा से शुरू हुई गुरिला की जन जागरूकता यात्रा गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंची इस दौरान बड़ी तादाद में महिला और पुरुष महिलाओं ने को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष धर्मानंद डालाकोटी और जिला अध्यक्ष महावीर सिंह रावत ने कहा की चुनाव के समय गुरिल्लाओ का एकजुट ना होना ही उनकी मांग पूरा न होने का प्रमुख कारण है लिहाजा इस बार प्रदेश भर में जन जागरूकता यात्रा के बाद राजधानी देहरादून से गुरिल्ला पदयात्रा शुरू करेंगे और सरकार को अपना अंकगणित समझाएंगे गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड के गुरिल्ला भी सरकारी सेवाओं में समायोजित करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही 45 से अधिक उम्र के लोगों को सम्मानजनक पेंशन की भी बात कर रहे हैं
गौरतलब है कि 1962 के युद्ध के बाद बॉर्डर पर रहने वाले ग्रामीणों को एसएसएन ने खास तौर पर ट्रेनिंग दी थी जिन्हें गोरिल्ला कहा गया अब पूर्वोत्तर राज्यों में गुरिल्ला को सरकारी सेवा में समायोजित कर दिया है अब एक देश में दो कानूनों की दुहाई देकर उत्तराखंड के गुरिल्ला सरकारी नौकरी में लेने की बात कर रहे हैं