चमोली – जोशीमठ,
आपदा पीड़ित रेणी गाव को पास के गाव सुभाई मे बिस्थापित करने के प्रशासनिक फैसले का ग्रामीणो ने विरोध सुरू कर दिया है | सुभयी के ग्रामीणो का कहना है कि रेणी गाव के बिस्थापन से उन्हे कोई एतराज नहीं है किन्तु पहले से ही दो गाव का बिस्थापन कर चुके सुभाई गाव मे अब और अधिक जनसंख्या का भार लेने कि क्षमता नहीं है , जल जंगल जमीन चरा पत्ती के सीमित साधन केएम होने से लोगो मे संघर्ष सुरू हो इससे पहले ही आपदा पीड़ित परिवारों को काही अन्यत्र बसाया जाना चाहिए
सीमांत प्रखंड जोशीमठ के ऋषि गंगा घाटी स्थित आपदा प्रभावित रैणी गांव के भूस्खलन प्रभावित परिवारों को अब प्रदेश सरकार सुभाई (भविष्य बदरी) गाँव मे विस्थापित करने को लेकर एक कदम आगे बढ़ा ही रही थी, कि सुभाई गाँव के लोगों का इस पर भारी विरोध सामने आने लगा है, सुभाई गाँव के ग्रामीणों नें अपने गाँव क्षेत्र में आपदा ग्रस्त रेंणी गाँव के विस्थापन पर विरोध जताना शुरू कर दिया है|
सुभाई गाँव के ग्रामीणों में कहा है कि उनके गाँव मे पहले ही दो अन्य गाँव को विस्थापित किया जा चुका है, जिसके चलते अब गाँव की काफी आबादी बढ़ी है और जल, जंगल, जमीन, चारा पाती के प्राकृतिक संसाधंन कम हुए है, ऐसे में गाँव अब और दबाव नही झेल सकता, प्रसासन जबरदस्ती यहाँ रेणि गाँव के परिवारों को विस्थापन देगा तो मजबूरन अपने हक हकूको के लिए सुभाई गाँव की ग्रामीण जन आंदोलन सहित 2022 के चुनाव का बहिष्कार करेंगे|
रेंणी गाँव में लगातार भूस्खलन होने के बाद ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की थी भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भी रैणी गांव के निचले हिस्से में सर्वे करके वहां खतरा बताया था जिसके बाद भू वैज्ञानिकों की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर चमोली जिला प्रशासन ने रैणी गांव के कुछ परिवारों को पास के ही सुभाई गांव में विस्थापित करने की बात कही है, जिसकी प्रक्रिया गतिमान है, लेकिन सुभाई गांव के लोगों ने प्रशासन की इस बात का पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया है, सुभाई गाँव के युवक मंगल दल के सौरभ सिंह का कहना है कि हम रेंणी गाँव को विस्थापन देने की बात का समर्थन करते लेकिन हमारे सुभाई गांव में नही,