चार धाम आईये-पर्वतारोही बनकर जाइए

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चारधाम यात्रा आध्यात्म के साथ साहसिक पर्यटन ।
उफनते नदी नालों को पार कराते एसडीआरएफ के जवान।
गिरीश गैरोला
पुराने लोगो से सुना था , यात्रा कष्ट कारी होती है। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा में यात्रा के साथ साहसिक।पर्यटन के भी दर्शन होते है। जिस साहसिक पर्यटन के लिए फिजिकल फिटनेस के साथ लाखो खर्च करने के बाद भी वो सुख नही मिलता जो प्रदेश की चार धाम यात्रा मानसून में निशुल्क करा देती है।
फहल दृश्य गंगोत्री राजमार्ग का हरसिल के पास का है जहाँ बरसाती नाला उफान पर आते ही सड़क को भी नदी में तब्दील कर गया जिसके बाद यात्रियो खासकर कांवड़ियों को रस्सी की मदद से आर पार करना पड़ा था।
दूसरा दृश्य यमनोत्री राजमार्ग का है आपको बार दे कि यह मार्ग 22 जुलाई से ओजरी डाबरकोट के पास भूस्खलन से बंद पड़ा है ऊपर पहाड़ी से इतने बड़े बोल्डर गिर रहे है कि नीचे काम करना नामुमकिन है। पिछले वर्ष भी इसी स्थान पर यात्रा कई दिन बाधित रही थी।
इस वर्ष भी यमनोत्री धाम में यात्रियो को 17 जुलाई को यसमनोत्री धाम में बादल फटने की घटना के बाद से मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है।
डाबरकोट से यात्रियो को पैदल त्रिखली और कुंसाला गाँव से होते हुए करीब 3 किमी पैदल चलने के बाद स्याना चट्टी मुख्य मार्ग तक पहुचने पड़ रहा है। इसके बाद जंगल चट्टी जिसे नारद चट्टी भी कहते है के पास फिर से सड़क का करीब 160 मीटर हिस्सा उफनते नाले के चलते बह गया है और इस स्थान पर सड़क एक खड्ड में तब्दील हो गयी है इस स्थान पर भी यात्रियो को पुलिस होमगार्ड और एसडीआरएफ के जवान रस्सों की मदद से पर करवा रहे है।
एडीएम बडकोट अनुराग आर्य ने बताया कि ओजरी डाबरकोट में सड़क पर आए मलवे को साफ कराया जा चुका है किंतु सुरक्षा के लिहाज से अभी वाहनों को आर पार नही
 किया गया है ।
बताते चले कि इस स्थान पर जिले के डीएम औए एसपी के साथ बडकोट के थाना प्रभारी पहाड़ी से गिरते पत्थरो की चपेट में आकर बाल -बाल बचे थे।
एसडीएम अनुराग आर्य ने बताया कि ओजरी से त्रिखला और कुंसाल गाँव होकर जाने वाला तीन किमी पैदल मार्ग भी उफनते पानी से बाधित हो गया है लिहाजा कुपडा गाँव से होते हुए यात्रियो को भेजा जा रहा है यह पैदल मार्ग करीब 5 किमी पड़ता है और पिछले मार्ग से दो कमी अतिरिक्त दूरी तय करनी होती है।
तो इतना तो तय है कि उत्तराखंड सरकार और पर्यटन विभाग की तरफ से  चार धाम यात्रा के साथ साहसिक पर्यटन का निशुल्क पैकेज सामिल है। इन उफनते नालो को पार करते समय भले ही कलेजा बाहर को आता हो किन्तु यही फोटोग्राफ बाद में नाते रिश्तेदारों के बीच आपकी बहादुरी का भी बखान करते है।
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