विधायक ने कब्जा लिया गेस्ट हाउस? – कॉंग्रेस का गंभीर आरोप

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उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर भर्तियों को लेकर स्पीकर ने जो फैसला लिया, और उसके बाद पहले हाइ कोर्ट से और फिर सुप्रीम कोर्ट उनके फैसले पर मुहर लगाते हुए  228 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला उसके बाद उनकी नैतिकता और  सख्त फैसले  लेने चर्चा जरूर हो रही है लेकिन इन सब से पहले रितु खंडूरी कोटद्वार से विधायक भी हैं तो उनके कामकाज को बतौर विधायक भी परखा जा रहा है देखा जा रहा है,  हर पहलू पर बात हो रही है और अब उनकी विधान सभा कोटद्वार में ही उनपर  गंभीर आरोप भी लगने लगे हैं

 

कांग्रेसी  नेता धीरेंद्र प्रताप ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर सवाल उठाए हैं आरोप लगाया है कि उन्होंने कोटद्वार में पीडब्ल्यूडी का गेस्ट हाउस कब्जा लिया है अब इसमें कितनी सच्चाई है यह तो सरकार जाने या वहाँ का जिला प्रशासन , किन्तु  सियासत का एक पहलू ये भी है कि अगर ऐसा हुआ है तो यकीनन एक गंभीर मसला है और इस पर विधानसभा अध्यक्ष नैतिकता की बात करती हैं तो क्या पीडब्ल्यूडी का गेस्ट हाउस कब्जाना भी क्या इसी दायरे में आता है?  दूसरे ओर बॅक डोर भर्ती मामने मे ऋतु खंडुरी के के स्टैंड पर भी सियासत सुरू हो गई है , इससे पहले घोटाले पर  सर पीटने वाली काँग्रेस अब भर्ती कर्मचारियो  को बेकसूर बताकर सबकुछ भर्ती करने वालों के सर पर मढ़ने को तैयार  बैठी है,

 

बहरहाल विधानसभा भर्ती विवाद इतने  जल्दी खत्म हो जाएगा ऐसा लगता नहीं है लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने नैतिकता का हवाला देकर 228 कर्मचारियों की छटनी तो कर ही दी है और पर   अलग-अलग रूप मे अलग अलग पहलुओं पर चर्चा हो रही है , लेकिन जिस तरीके के आरोप विधानसभा अध्यक्ष पर लग रहे हैं कोटद्वार विधानसभा में उन्होंने अगर पीडब्ल्यूडी का गेस्ट हाउस कब्जा किया है,  तो क्या इस पर वे सफाई देंगी ?  दूसरा पहलू यह भी है कि अगर उन्होने गेस्ट हाउस पूरा कब्जा लिया है तो इस पर क्या सरकार की भी सहमति है? और इस पर  नैतिकता का  पहलू कहां तक जायज है, ये  बड़ा सवाल है जिसका इंतजार प्रदेश कि जनता को बेसबरी से है

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