आयुष चिकित्सकों का पलटवार
आयुर्वेद सर्जन को शल्य चिकित्सा की अनुमति दिये जाने के विरोध मे 11 दिसंबर को चिकिसा सेवा को बंद रख कर अपना विरोध जताने वाले आईएमए ऐलोपैथिक डाक्टर संघ को आयुर्वेद संघ ने करारा जबाब दिया है | हड़ताल के दौरान 11 दिसंबर को पूरे देश में नीमा से जुड़े साढ़े बारह लाख चिकित्सक अपने अपने क्लीनिक और अस्पतालों में सभी आम लोगों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं देकर उनका इलाज करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय का भी धन्यवाद किया| उन्होने बताया की कुछ लोग भ्रामक प्रचार कर रहे है कि शल्य चिकत्सा के लिए सिर्फ आयुर्वेद डिग्री धारक सक्षम नहीं बल्कि आयुर्वेद मे पीजी डाक्टर को ही भारतीय चिकित्सा परिषद ने शल्य चिकित्सा कि अनुमति दी है |
जहाँ एक ओर आईएमए ने आयुर्वेद के सर्जनों को भारत सरकार द्वारा सर्जरी की अनुमति देने का विरोध जताया था और कल 11 दिसम्बर को चिकित्सा सेवाए बंद करने का भी ऐलान किया था वहीं आज आयुष चिकित्सकों की संस्था नीमा से जुड़े सभी आयुर्वेदिक चिकित्सको ने इस पर अपना करारा प्रहार करते हुए कहा कि आईएमए से जुड़े चिकित्सक मरीज़ो का भला नही चाहते हैं इसीलिए वह इस तरह की हड़ताल कर रहे है और अपना विरोध जता राजे हैं जबकि कल पूरे देश में नीमा से जुड़े साढ़े बारह लाख चिकित्सक अपने अपने क्लीनिक और अस्पतालों में सभी आम लोगों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं देकर उनका इलाज करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय का भी धन्यवाद किया कि जो आयुर्वेदिक चिकित्सको को सर्जरी करने की अनुमति दी गयी है। वही उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा गरीबो की चिकित्सा है और जहाँ एमबीबीएस डाक्टर दुर्गम इलाको में नही पहुँच पाते हैं वहाँ आयुर्वेद चिकित्सक अपनी परवाह न करते हुए अपने सेवाएं देते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि ये एमबीबीएस डॉक्टर काफी दवाइया ऐसी है जो आयुर्वेद से संबंध रखती है और वह भी इन्ही को इस्तेमाल करते हैं। उनहाने कहा कि कल सभी चिकित्सक अपने अपने क्षेत्र के जिलाधिकारी को सरकार के नाम धन्यवाद ज्ञापन देंगे।
डॉक्टर रजा अहमद (जनरल सेक्रेटरी नीमा)
डॉक्टर एस.पी.सिंह (नीमा पदाधिकारी)