चार धाम यात्रा मे पंजीकरण का विरोध – पर्यटन मंत्री की शव यात्रा मे शामिल हुए होटल कारोबारी

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उत्तराखंड मे चार धाम यात्रा सुरू होने से  पूर्व ही आखिर पर्यटन मंत्री की शव यात्रा क्यो निकाली जा रही है ?  उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल  महाराज एक बार फिर होटल कारोबारियों के निशाने पर आ गए हैं इससे पूर्व देव स्थानम बोर्ड को लेकर विरोध झेल  चुके पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अब पर्यटन कारोबारी के भी निशाने पर आ गए हैं ।

दरअसल उत्तराखंड में 22 अप्रैल से गंगोत्री और यमुनोत्री कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है । प्रदेश के चार धाम में यात्रियों की संख्या निर्धारित करने को लेकर पर्यटन  विभाग द्वारा  यात्रा से पहले पंजीकरण की व्यवस्था बनाई जा रही है जिसको लेकर होटल कारोबारी नाराज दिखाई दे रहे है।

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गंगोत्री धाम मे एक दिन 9 हजार तो यमुनोत्री धाम मे सिर्फ 5500 यात्रियो को एक दिन मे रुकने की अनुमति दिये जाने  का प्रविधान किया गया है इस फैसले से नाराज पर्यटन कारोबारियो ने उत्तरकाशी की  सड़कों पर पर्यटन  मंत्री सतपाल  महाराज के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उनकी शव यात्रा  निकाली और उनका तुतला फूंका ।

उन्होने बताया कि एक तरफ सरकार होटल निर्माण के लिए लोन पर लोन बाँट रही है साथ ही होम स्टे को भी बढ़ावा दे रही है ऐसे मे जब  सिर्फ गंगा घाटी मे ही एक दिन मे 20 से 25,000 लोगों को प्रतिदिन ठहरने  की व्यवस्था होटल कारोबारियों द्वारा दी जा रही है तो  सरकार यमुनोत्री में एक दिन में 5500 जबकि  गंगोत्री मंदिर में 9000 लोगों को ही प्रतिदिन ठहरने की दे रही है । सीमित संख्या मे यात्रियो के आने से बाकी के होटल कारोबारीयो  का कारोबार चौपट हो जाएगा और उन्हे अपने लोन की किस्त चुकानी मुश्किल हो जाएगी

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार यदि उनकी मांगों पर कोई फैसला  नहीं देती है तो गंगोत्री यमुनोत्री के  कपाट खुलने के दिन 22 अप्रैल को तमाम होटल कारोबारी  अपने होटल बंद कर अपना विरोध प्रकट करेंगे ।

इस दौरान किसी भी यात्री को होटल में रहने नहीं दिया जाएगा और प्रशासन की जिम्मेदारी होगी कि आपने स्तर पर सरकारी भवनों में ही यात्रियों की व्यवस्था करें ।

वही  पर्यावरण और इको सेंसिटिव जोन  के समर्थन में सामने आई ग्लेसियर लेडी  शांति ठाकुर ने यात्रीयो  के पंजीकरण किए जाने के  सरकार के फैसले का स्वागत किया है उन्होने कहा कि  पहाड़ की भौगोलिक परिस्थिति  को देखते हुए सीमित संख्या में ही पर्यटकों की आवाजाही  सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही  पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 12 महीने यात्रा चलाने की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फैसले कि भी तारीफ  की

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