ऋषिकेश : कुंभ के मेले में मिली 5 साल पहले घर से लापता महिला – सत्यापन के दौरान मिली जानकारी

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5 साल पहले घर से लापता बुजुर्ग महिला की कुंभ मेले में हुई घर वापसी

पुलिस वेरिफिकेशन की मदद से लापता बुजुर्ग परिजनों से मिली

5 साल पहले हुई थी लापता, कुंभ और स्थानीय पुलिस की भूमिका सराहनीय 

अमित कण्डियाल – ऋषिकेश

एक दौर था जब फ़िल्मी दुनिया में कुंभ मेले में दो बिछड़े भाइयो के वर्षो बाद मिलने कि कहानी पर दर्शक मन्त्र मुग्ध हो जाया करते थे किन्तु धर्म नगरी में आज यही फ़िल्मी कहानी हकीकत में सच साबित हुई जहा 5 वर्ष पहले घर से लापता हुई माँ कुंभ मेला हरिद्वार के ऋषिकेश में मिली | सुचना मिलते ही बुजुर्ग माता का परिवार उससे मिलने पंहुचा और ऋषिकेश पुलिस का धन्यवाद् किया | वही इतने लम्बे समय तक गंगा तट पर समय गुजारने के बाद बुजुर्ग महिला को अपने परिवार से मिलने से ज्यादा गंगा मैया का साथ छोड़ने का गम सता रहा है | बुजुर्ग महिला ने बताया कि 5 वर्ष की अवधि में वे कई धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर चुकी है और उसे कभी भी पैसे की कमी नहीं हुई बतोर महिला गंगा माता ने उसके लिए खर्चे पानी कि व्यवस्था करायी थी | महिला  ने बताया कि गंगा मैया ने सभी धमो के दर्शन करवा दिए बस अमरनाथ ही बाकि था घर जाने से पहले अमरनाथ के दर्शन नहीं करने का महिला को दुख सता रहा है |

दरअसल उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर जिले की रहने वाली एक बुजुर्ग वर्ष 2016 में अचानक घर से लापता हो गई थी। मामले में सिद्धार्थ नगर पुलिस के पास गुमशुदगी भी दर्ज कराई गई। मगर बुजुर्ग को तलाशने में उत्तरप्रदेश पुलिस और न ही परिजनों को कोई सफलता मिली। 

कुछ समय पहले स्थानीय और कुंभ मेला पुलिस ने संयुक्त रूप से त्रिवेणी घाट पर बेसहारा रूप से रहने वाले बाबाओं का सत्यापन चलाया था। पुलिस के सत्यापन की कॉपी बुजुर्ग के संबंधित थाने में पहुंची। तो परिजनों को बुजुर्ग के जीवित होने की जानकारी मिली। जिसके बाद परिजन बुजुर्ग को लेने ऋषिकेश पहुंच गए। इस दौरान बूढ़ी मां को देख बेटा और बहू फफक फफक कर रो पड़े। बुजुर्ग के मिलने पर परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया है। 

बुजुर्ग के बेटे दिलेश्वर पाठक ने बताया कि वह गुजरात में नौकरी करते थे। लेकिन मां के लापता होने की वजह से उनकी नौकरी भी चली गई। जब मां लापता हुई थी तब उनकी बेटी 2 साल की थी आज वह 7 साल की हो चुकी है। बताया मां को ढूंढने के लिए उन्होंने अपने खर्चे से भारत के कई शहरों की सड़कें भी नापी, मगर सफलता नहीं मिली। जब उत्तराखंड पुलिस की ओर से सिद्धार्थनगर पुलिस के सहयोग से मां के जीवित होने की जानकारी मिली तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हालांकि मां अब मां गंगा के तट को छोड़ कर घर वापस जाना नहीं चाहती। 

बुजुर्ग ने बातचीत में बताया कि उनकी अब अमरनाथ भगवान के दर्शन करने की इच्छा है। कुंभ थाना वरिष्ठ उपनिरीक्षक दीपक रावत ने बताया कि वैसे तो पुलिस वेरिफिकेशन अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर नजर रखने के लिए किया जाता है मगर पुलिस वेरिफिकेशन के माध्यम से लापता बुजुर्ग भी अपने परिजनों से मिल जाएगी पुलिस ने भी कभी ऐसा नहीं सोचा था बुजुर्गों को परिजनों के सुपुर्द करते हुए पुलिस की ओर से मुंह मीठा भी कराया गया है।

दीपक रावत (वरिष्ठ उपनिरीक्षक , कुंभ थाना )

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